हरियाणा में व्यस्कों को टीबी की बीमारी से बचाने के लिए स्वास्थय विभाग ने हरियाणा के 11 जिलों में अभियान चलाया है। जिसके दौरान अगले साल 8 जनवरी से चयनित लोगों को बीसीजी का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए हर गांव में पोलियों बूथ की तर्ज पर शिविर लगाए जाएंगे। बीसीजी का टीका 18 से 60 साल के चुनिंदा लोगों को लगाया जाएगा। विभाग की ओर से दिसंबर में घर-घर जाकर सर्वे होगा। अब तक टीबी रोकने के लिए बच्चों को टीका लगता था।
इससे पहले व्यस्कों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने के इरादे से आशा वर्कर्स के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा। अभियान को शुरु करने के लिए मुख्यालय की ओर से आदेश जारी हो चुके है। स्वास्थय मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसलिए 8 जनवरी 2024 से टीकाकरण की शुरुआत हो रही है। पहले चरण में सोनीपत, अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, नूंह, पंचकुला, रोहतक और सिरसा में बीसीजी टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
18 से 60 वर्ष तक लोगों को बीसीजी का टीका लगाने की तैयारी
बीसीजी टीका 18 से 60 वर्ष तक के व्यस्क और टीबी मरीजों व उसके संपर्क में आने वाले लोगों को लगाने की तैयारी है। इसके लिए स्वास्थय विभाग दिसंबर में सर्वे शुरु करने जा रहा है। यह सर्वे स्वास्थय कर्मियों व आशा वर्कर्स के माध्यम से दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह तक पूरा होगा और इसकी रिपोर्ट तैयार होगी।
14 साल तक असरदार होता है बीसीजी का टीका
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डॉ. नीरज यादव का कहना है कि अब तक टीबी की रोकथाम के लिए बच्चों को बीसीजी का इंजेक्शन लगाया जाता था। बीसीजी का टीका 14 साल तक असरदार होता है। इसलिए अब उन सभी लोगों को यह टीका लगाया जाएगा, जिन्हें टीबी होने का खतरा है।
ये होते है टीबी के लक्षण
1. दो सप्ताह से ज्यादा खांसी रहना
2. रात को सोते समय पसीना आना, ठंड में भी पसीना आना
3. थकावट होना
4. वजन कम होना
5. सांस लेने में दिक्कत होना