भिवानी क्षेत्र के किसानों की फसल की सिंचाई के लिए मुख्य भूमिका निभाने वाली सुंदर ब्रांच नहर में पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं छोड़ा जा रहा, क्योंकि पानी की कमी के चलते उनकी फसल बर्बाद हो रही है तथा उनक परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में सुंदर ब्रांच नहर में एक सप्ताह पानी दिए जाने की मांग को लेकर बुधवार को 42 गांवों के किसानों ने सुंदर ब्रांच नहर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले शहर में प्रदर्शन किया तथा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा।
इस दौरान किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि आज का प्रदर्शन चेतावनी मात्र था, यदि शनिवार शाम तक नहर में पानी नहीं आया तो वे बड़े आंदोलन का फैसला लेने पर मजबूर होंगे। किसानों की समस्या सुनने के बाद उपायुक्त ने आश्वसन दिया कि वे इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार विकसित संकल्प भारत संकल्प यात्रा चलाकर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की बात कहती है, वही दूसरी तरफ आज देश का अन्नदाता पानी तक को तरस रहा है। उन्होंने कहा कि जब किसान समृद्ध होगा तो देश अपने आप विकसित बन जाएगा। ऐसे में पहले किसानों को पानी मुहैया करवाया जाए।

पानी न आने के कारण फसलें सिंचाई से वंचित : जोगेंद्र तालु
इस अवसर पर ग्राम स्वराज्य किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष जोगेंद्र तालु ने कहा कि सुंदर ब्रांच नहर में पर्याप्त मात्रा में पानी ना आने के कारण उनकी फसलें सिंचाई से वंचित है, जिसके कारण किसान चिंतित और नुकसान के डर में है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार टेल तक पानी पहुंचाने के बड़े-बड़े दावे कर वाहवाही लूटने में लगी हुई है। वही दूसरी तरफ किसानों की फसलों के लिए जीवनदान मानी जाने वाली सुंदर ब्रांच नहर में पर्याप्त मात्रा में पानी तक नहीं छोड़ा जा रहा। जिसके चलते खासे परेशान है तथा मजबूरन प्रदर्शन की राह अपना रहे है।
अन्नदाताओं को सड़कों पर पड़ रहा उतरना : सरपंच
इस मौके पर सरपंच सुरेश किरावड़ ने कहा कि यह सरकार के लिए बड़े शर्म की बात है कि अन्नदाताओं को नहरी पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुंदर ब्रांच नहर को एक सप्ताह पानी दिया जाना चाहिए, जबकि दो दिन ही पानी आता है। जो कि काफी नहीं है। जिसके चलते किसानों के खेत खाली है तथा फसले बर्बाद हो रही है।