मुख्य सचिव संजीव कौशल ने वीसी के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत गांवों में स्वच्छता अभियान की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को टारगेट निर्धारित कर काम करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि गांवों में स्वच्छता बनाए रखने व खुले में शौच मुक्त के लिए ग्रामीणों में जागरूकता लाएं।
वीसी के दौरान सीईओ जिला परिषद मनोज दलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला भिवानी के 251 गांव ने स्वयं को ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका हैं, जो राज्य में करनाल के 261 के आकडें के बाद दूसरे स्थान पर है तथा जिला भिवानी के 15 गांव एक सप्ताह के अन्दर ओडीएफ प्लस की घोषणा करने उपरान्त राज्य में पहले स्थान पर आ जाएगा।
295 शैड प्रोजेक्ट किए जा चुके स्वीकृत
उन्होंने बताया कि जिले में ठोस कचरा प्रबंधन के कुल 295 शैड प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 235 ग्राम पंचायतों में शेड निर्माण पूर्ण हो चुका हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं। इसी प्रकार 12 शेड निर्माणाधीन हैं तथा 48 ग्राम पंचायतों में शेड निर्माण कार्य प्रक्रिया में हैं। जिले के 111 गांव में तरल कचरा प्रबंधन के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 90 प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं, 8 निर्माणाधीन व 14 पर कार्य किया जाना प्रक्रिया में है।
प्रोजेक्ट को मिल रही सराहना
विभाग द्वारा जिले में विकसित की गई नहवीन गंदा पानी प्रबंधन के प्रोजेक्ट को काफी सराहना मिल रही है। जो गांव के गंदे पानी के उचित निपटान के साथ-साथ भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने का कार्य भी करता है। जिले की अनुमानित 125 ग्राम पंचायतों में नहवीन प्रोजेक्ट को क्रियान्वित किया जा रहा है।
आयोग से 5 हजार राशि का किया प्रावधान
उन्होंने बताया कि विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में एकल गड्ढे वाले शौचालय को दो गड्ढे वाले शौचालय में बदलने का निर्णय लिया है, ताकि मल गाद का उचित निपटान किया जा सके। इसके लिए ग्राम पंचातय स्तर पर 15वें वित्त आयोग से 5000 रूपये तक राशि का प्रावधान किया गया है। सभी ग्राम पंचायत में दो गड्ढे वाले शौचालय रूपांतरण करने हेतू आवश्यक हिदायत जारी की जा चुकी है।
सरपंच व पंचों से की अपील
जिले में सभी सरपंच व पंचों से अपिल की है कि वह प्राथमिकता से एक गड्ढे वाले शौचालय को दो गड्ढे वाले शौचालय में रूपांतरण करें। इससे मल गाद को खाली करवाने की आवश्यकता नही है, बल्कि एक गड्ढा भरने पर दूसरा गड्ढा कार्य करता है। पहले गड्ढे में खाद बन जाती है। इस प्रकार बार-बार शौचालय के गड्ढे को खाली करवाने का झंझट भी समाप्त हो जाता है और मानव मल का उचित निस्तारण भी हो जाता है ।
सरकार ने नई पॉलिसी को स्वीकृति की प्रदान
मानव मल के उचित निपटान हेतू शौचालय की कई साफ करवाने हेतू हरियाणा सरकार ने नई पॉलिसी को स्वीकृति प्रदान की है। इसके अन्तर्गत जितने भी कई साफ करवानें वाले टैंकर होलडर है उन्हें मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, भिवानी की स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की शाखा में आवेदन करना होगा। सभी टैंकर में ट्रेकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा तथा सभी टैंकर होल्डर आवेदनकर्ता को पीएचईडी द्वारा स्थापित की गई एसटीपी से रजिस्टर्ड करवाया जाएगा, जिससे केवल रजिस्टर्ड टैंकर होल्डर को ही ग्रामीण क्षेत्र में कुई साफ करने की अनुमति होगी। यदि बिना रजिस्टर्ड टैंकर होल्डर कार्य करता हुआ पाया जाएगा तो उन्हें अधिनियम के तहत 5000 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
जिले में पर्यावरण संरक्षण में करेगा सहयोग
इस पॉलिसी के तहत कई साफ करने वालों पर निगरानी रखी जाएगी। इससे कोई भी टैंकर होल्डर किसी भी अन्य जगह पर मानव मद गाद को नही डाल पाएगा। जो जिले में पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करेगा। यह पॉलिसी जिले में तुरन्त लागू की जाएगी। इस दौरान जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी रविन्द्र दलाल, बीडीपीओ सोमबीर कादयान, स्वच्छ भारत मिशन कोर्डिनेटर सतीश कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।