Bhiwani: दीपावली त्यौहार हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। दीपों के इस पर्व पर अबकी बार लोग प्रदूषण रहित दिवाली मनाएंगे क्योंकि मिट्टी से बने दीपक प्रदूषण रहित होते है। कुम्हार समाज ने भी लोगों से अपील की है कि चाइनीज सामान को छोड़कर लोग देश की मिट्टी का प्रयोग करें।
इस बार मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हार काफी खुश हैं। उनका कहना है कि इस बार मिट्टी के दीये पहले के मुकाबले ज्यादा खरीदे जा रहे है। उनके पास मिट्टी के बने दीपक व मिट्टी के बने सम्मान के लिए एडवांस में बुकिंग है। आपको बताते चले कि एक समय ऐसा आ गया था जब लोग मिट्टी के समान से दूर भागने लगे थे। ऐसे में कुम्हारों का भी काम लगभग खत्म हो गया था, लेकिन कोरोना के बाद लोगों ने मिट्टी के बने सामानों की तरफ रुझान हुआ है। इसके चलते कुम्हारों का भी अब बिजनेस पहले से ज्यादा बढ़ा है।
दिये बनाने वालों के चेहरे पर खशी की लहर
लोग देश की मिट्टी का प्रयोग कर रहे हैं। दीपावली का त्योहार नजदीक आ गया है, दिये बनाने वालों के चेहरे पर खशी देखने को मिल रही है। दिये बनाने वालो का कहना है कि उन्हें पहले से तो ज्यादा फायदा वर्तमान की सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मिट्टी के लिए जमीन उपलब्ध करवा दे तो वे अच्छा कमा सकते है।
प्रजापत का पूरा परिवार इन दोनों मिट्टी के दीये बनाने में लगा हुआ है। दिए बनाना उनका पुश्तैनी कार्य है, पहले कहा जाता था कि मिट्टी का काम करने वालों को सरकार मिट्टी के लिए जमीन उपलब्ध करवाएगी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पहले तो खेतो से मिट्टी लेकर आया करते थे, लेकिन इन दिनों ऐसा नहीं है। मौजूदा सरकार ने चाइना के माल के बारे में लोगो को जागरूक किया है तो अब लोग स्वदेशी मिट्टी के दीये खरीदते हैं, जिससे उनका रोजगार अच्छा चलता है।