Bhiwani जिले के गांव गुजरानी(village Gujrani) में एक अनोखा फैसला लिया गया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा(Underwear) पहन कर सरेआम घूमने पर रोक लगा दी है। इस फैसले के अनुसार अगर कोई युवक कच्छा पहन कर घूमता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गांव गुजरानी की पंचायत की सरपंच महिला हैं, लेकिन उनका सारा काम-काज उनके प्रतिनिधि ससुर सुरेश कुमार देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहनकर घूमते रहते हैं, जिससे गांव की बहन-बेटियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इसलिए पंचायत ने यह निर्णय लिया है कि जो भी युवक कच्छा पहनकर घूमेगा, उसके माता-पिता से पहले बातचीत की जाएगी और फिर भी नहीं मानने पर उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। गांव में इस आदेश की मुनादी चौकीदार के माध्यम से करवाई गई है।
मुनादी में बताया गया है कि कोई भी युवक अगर कच्छा पहनकर घूमेगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। सुरेश कुमार ने बताया कि युवाओं को घर में चाहे जैसे भी रहना चाहिए, लेकिन जब वे दूसरों के घर या मोहल्ले में जाएं तो अदब के साथ जाएं। सार्वजनिक जगहों, जैसे गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमना सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता और इससे महिलाओं को शर्मिंदगी महसूस होती है।
कागज पर लगवाने आते थे मोहर
सुरेश कुमार ने यह भी बताया कि उनके घर में जब लोग कच्छा पहनकर कागज पर मोहर लगवाने आते थे, तब उन्हें ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होती थी। सरपंच उनकी पुत्रवधू हैं और 35 साल की हैं, ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके होती हैं, इसलिए यह आदेश पारित करना पड़ा।