कहते हैं कि कलयुग में चंद रुपयों को देखकर बड़े-बड़े लोगों का ईमान डगमगा जाता हैं, लेकिन Bhiwani के चौधरी बंसीलाल अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी ममता ने अस्पताल में आई चरखी दादरी की महिला कविता की खोई हुई कान की झुमकी लौटकर ईमानदारी का परिचय दिया है।
दरअसल महिला अस्पताल में थाइराइड का टेस्ट करवाने के लिए आई थी। अस्पताल परिसर की सीढ़ियों से उतरते समय 15 से 20 हजार रुपये की कान की झुमकियां खो गई। जो अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी ममता को मिल गई। ममता ने आस-पास सभी से पूछा तो कि झुमकी किसकी है,इसका सुराग नहीं लगा। वहीं ममता ने इस बारे में नर्सिंग स्टाफ को बताया। ममता जब सीढियों के पास गई तो देखा कविता झुमकी तलाशते हुए सीढ़ियों से आ रही थी। ममता उस महिला को नर्सिंग स्टाफ के पास लेकर गई और महिला को उसकी खोई हुई झुमकी लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया।

मैट्रन सुनीता ने स्वास्थय कर्मी की थपथपाई पीठ
वहीं मैट्रन सुनीता ने घटित वाक्य के बारे में बताया और खुशी से गदगद होकर स्वास्थय कर्मी ममता की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि ऐसे ईमानदार कर्मचारी उनके पास है तो गर्व से सीना फूल जाता है। गौरतलब है कि ममता ने खोई हुई झुमकी लौटाकर ईमानदारी का परिचय तो दिया ही है, साथ ही समाज के लिए प्रेरणादायी बनकर ईमानदारी की बड़ी मिशाल भी कायम की है।