Bhiwani जिले के बवानी खेड़ा खंड में स्थित गांव दुर्जनपुर में राजकीय प्राथमिक विद्यालय(primary school) के एक अध्यापक द्वारा आचरण समस्याएं उठाई गई हैं, जिसके कारण स्कूल की सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अध्यापक ने स्कूल के समय में नशे की स्थिति में रहकर पढ़ाने का कार्य(teacher came to teach) किया है और अपनी ड्यूटी के दौरान भी शराब पीने का आरोप(drinking alcohol) लगाया जाता है। इसके अलावा उनकी अनियमित उपस्थिति और उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई न होने का भी आरोप है।
ग्रामीण समुदाय के नेता प्रतिनिधि प्रदीप चाहर ने मामले को गंभीरता से लिया और उन्होंने स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ देने का निर्णय लिया। इस घटना के बाद, अधिकारियों ने जांच शुरू की और उन्होंने स्कूल में कानूनी कार्रवाई की संभावना दी है। इस मामले में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संतोष नागर ने भी कार्रवाई की धमकी दी है। उन्होंने स्कूल में निरीक्षण किया और कमियों की स्थिति पर विचार किया है। घटना के समय ग्रामीण समुदाय के अन्य सदस्यों ने भी इस बारे में अपनी राय दी।

उनका कहना है कि स्कूल के मुख्य अध्यापक भी उपस्थिति में अनियमितता दिखाते हैं और वे समय-समय पर अध्यापकों की कमियों को छिपाने का काम करते हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की है, लेकिन उनका मामला भी अनदेखा रहा है। इस मुद्दे पर ग्रामीण समुदाय ने पंचायत का आयोजन किया और इसमें स्कूल के दोनों अध्यापकों के खिलाफ सुनवाई की गई।

मुद्दे पर 7 बार हो चुकी पंचायत
पंचायत में ग्रामीणों ने अपनी जांच परक राय दी और उन्होंने दोनों अध्यापकों के तबादले की मांग की। उन्होंने इसके साथ ही अध्यापकों को स्कूल के पास रहने की भी मांग की है। ग्रामीण समुदाय ने यह भी कहा है कि वे पहले भी इस मुद्दे पर सात बार पंचायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। इसी कारण उन्होंने अधिकारियों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए गहरा रुख दिखाने का भी फैसला किया है।