पिछले दिनों बाढ़ के दौरान हुए नुकसान के बाद अभी तक मुआवजा न मिलने से किसानों में रोष है। इससे नाराज पंजाब और हरियाणा के किसान 22 अगस्त को चंडीगढ़ में जुटेंगे और वहां सरकार से आर-पार का आंदोलन चलाने की घोषणा करेंगे।
बता दें कि प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने बैठक करते हुए बड़ा ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 22 अगस्त को चंडीगढ़ का घेराव होगा। 22 अगस्त को हरियाणा, पंजाब और अन्य उत्तरी भारत के राज्यों से किसान चंडीगढ़ पहुंचेंगे। किसान नेताओं का दावा है कि 16 किसान संगठनों के करीब 20 हजार किसान चंडीगढ़ में डेरा डालेंगे।
बाढ़ से हुआ करोड़ों का नुकसान
उतर भारत में आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई और अन्य मुद्दो को लेकर चंडीगढ़ का घेराव होगा। केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए किसान लामबंद होंगे। यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सुरेश कोथ ने जींद की जाट धर्मशाला एवं कुरूक्षेत्र में हुई बैठक के दौरान किसान नेताओं ने दी। उन्हाेंने कहा कि अकेले हिमाचल में 10 हजार करोड़, हरियाणा में 7 हजार करोड़ से ज्यादा और अन्य राज्यो में भी बाढ़ से बड़ा नुकसान हुआ है। उन्हाेंने कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दो को लेकर भी सरकार से मांग रहेगी।
ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर पहुंचेंगे किसान
प्रदेश के विभिन्न जिलों में संगठनों की बैठक का आयोजन किया गया, वहीं 20 संगठनों ने एकत्रित होकर बैठक की। जिसमें बाढ़ से हुए किसानों के नुकसान व अब तक सरकार के रवैये पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 22 अगस्त को चंडीगढ़ में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें हरियाणा व पंजाब से किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर पहुंचेंगे।
खराब फसल पर 50 हजार एवं अन्य नुकसान के मुआवजे की मांग
सरकार ने 22 अगस्त से पहले किसान संगठनों के साथ बातचीत की, तो आंदोलन टाला जा सकता है, लेकिन सरकार नहीं मानी तो सरकार का घेराव किया जाएगा। किसानों ने बताया कि पिछले दिनों चंडीगढ़ में उत्तर भारत के 20 किसान संगठनों की बैठक हुई थी, जिसमें भी विभिन्न राज्यों में बाढ़ व बारिश के कारण हुए नुकसान पर चर्चा हुई थी। किसान नेताओं ने खराब फसल पर 50 हजार रुपये और अन्य नुकसान का मुआवजा देने की मांग की। जबकि सरकार व प्रशासन अब तक आश्वासन ही दे रहा है। किसान दो बार फसल लगा चुके हैं।