भिवानी में पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने रेबिज से बचाव के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत राजकीय पशु चिकित्सालय में नि:शुल्क एंटी रेबिज टीकाकरण एवं सामान्य जांच शिविर लगाया गया। विभाग ने पालतू कुत्तों के मालिकों से अपील की थी कि वे अपने कुत्तों के साथ-साथ गली के कुत्तों को भी शिविर में लाएं।
क्यों जरूरी है यह मुहिम?
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. रविंद्र सहरावत ने बताया कि रेबिज एक घातक बीमारी है, जो इंसानों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। सही समय पर टीकाकरण न होने पर संक्रमित व्यक्ति को दर्दनाक मौत का सामना करना पड़ता है। इसी खतरे को कम करने के लिए नि:शुल्क टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया है।
क्या है आगे की योजना?
डॉ. सहरावत ने बताया कि इस अभियान को नगर परिषद और पंचायत स्तर तक भी ले जाया जाएगा। आने वाले दिनों में नगर परिषद और पंचायतों के सहयोग से आवारा कुत्तों को भी एंटी रेबिज के टीके लगाए जाएंगे, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
रेबिज से बचाव के लिए क्या करें?
- पालतू कुत्तों को समय पर एंटी रेबिज का टीका लगवाएं।
- अगर कोई कुत्ता काट ले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- गली के कुत्तों का भी टीकाकरण करवाने के लिए स्थानीय पशु चिकित्सालय में संपर्क करें।
पशुपालन विभाग की इस पहल से भिवानी में रेबिज से होने वाली मौतों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।