करनाल के काछवा गांव में सरकारी ग्रांट में घोटाले का मामला सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा गोद लिए गए इस गांव के पूर्व सरपंच अजय कुमार चौधरी सहित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO), समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120-B (साजिश) के तहत करनाल सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब ग्राम वासी हवा सिंह कांगर ने मुख्यमंत्री को “सीएम विंडो” पर शिकायत दी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि काछवा गांव में कश्यप धर्मशाला के निर्माण के लिए सरकार द्वारा दी गई 14 लाख रुपये की ग्रांट में घोटाला किया गया। आरोप था कि सरपंच अजय कुमार ने इस राशि का गबन कर लिया और निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार हुआ।
शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच विजिलेंस विभाग को सौंपी। विजिलेंस की रिपोर्ट आने के बाद करनाल के उपायुक्त ने FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद DDPO संजय टांक की शिकायत पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि यह काछवा गांव में भ्रष्टाचार का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पूर्व सरपंच अजय कुमार पर स्ट्रीट लाइट के खंभों की खरीद में घोटाले के आरोप लग चुके हैं। तब भी इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी।