हरियाणा-पंजाब के किसान संगठनों ने जहां 13 फरवरी को दिल्ली कूच का अडिग निर्णय ले लिया है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने भी अपने स्तर पर तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। प्रशासन का प्रयास है कि कहीं भी कानून व्यवस्था न बिगड़े। उधर किसानों ने भी दिल्ली कूच करने को लेकर बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। किसान बैठकों में दिल्ली कूच की रणनीति बना रहे हैं।
इसी बीच हरियाणा के जिला सिरसा के डबवाली रोड स्थित गांव खैरेकां के पास बड़े-बड़े पत्थर मंगवाए गए है। संभावना जताई जा रही है कि किसानों को रोकने के लिए यह पत्थर मार्ग बंद करने के लिए लगाए जाएंगे, ताकि किसान खैरेकां से आगे न बढ़ पाए। इस दौरान किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने पत्रकारों के साथ बातचीत में बताया कि 9 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री कार्यालय से चिट्ठी आई थी। जिसके चलते उस वक्त आंदोलन को स्थगित किया गया था। अब 13 फरवरी को किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे।

दिल्ली कूच को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। किसान राशन और लकड़ी एकत्रित कर दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं। किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि कल केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों की ओर से समय मांगा गया है, लेकिन किसान अपनी पूरी तैयारी में है।

उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई पत्थर नहीं रोक सकते। किसान बंदिशों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

उन्होंने बताया कि गांवों में धार्मिक स्थलों पर अनाउंसमेंट करने पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जो कि गलत है। सरकार अनाउंसमेंट पर प्रतिबंध कैसे लगा सकती है। यह तानाशाही बिल्कुल नहीं चलेगी।

उनका कहना है कि गांव-गांव में सरपंचों से कहा जा रहा है कि किसानों को रोको, यह गलत है। इसे सहन नहीं किया जाएगा। किसान हर हाल में दिल्ली कूच करेगा।
