Chandigarh Mayor Election Update : चंडीगढ़ नगर निगम में बड़ा उलटफेर सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव को लेकर धांधली के आरोपों पर आज सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंद्र पाल मल्होत्रा का कहना है कि मनोज सोनकर ने निगम आयुक्त आनंदिता मित्रा को अपना इस्तीफा सौंपा है। वहीं आम आदमी पार्टी के 3 पार्षदों ने आप को अलविदा बोल भाजपा का दामन थाम लिया है। इनमें पाषर्द गुरचरण सिंह काला, पूनम और नेहा शामिल हैं। माना जा रहा है कि अब चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव दोबारा होना तय है।
भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर एक बार फिर सबको चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि मेयर के इस्तीफे को चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। आज शाम तक मेयर के इस्तीफे को मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसमें 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। तब तक के लिए सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू को कार्यकारी मेयर बनाया जा सकता है। बता दें कि चंडीगढ़ में केवल मेयर के द्वारा ही इस्तीफा दिया गया है, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर अपनी सीट पर बरकरार हैं।
वहीं भाजपा चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंद्र पाल मल्होत्रा का आरोप है कि कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं है। वह सिर्फ जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के 3 पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली को लेकर रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह पर लगे आरोपों पर सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन से मेयर पद के कैंडिडेट रहे कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करेगी। कुलदीप कुमार ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह पर वोटिंग के दौरान धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे।
रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था। मनोज सोनकर ने मेयर पद के लिए हुए चुनाव में आप के कुलदीप कुमार को मात दी थी। मनोज सोनकर को 16, जबकि कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे। इसके साथ ही 8 वोट अवैध घोषित किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही भाजपा ने अनिल मसीह को अल्पसंख्यक विंग के महासचिव पद से हटा दिया था। बता दें कि चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर पद के लिए चुनाव के बाद से ही लगातार विवाद शुरू हो गया था। इसी दिन विपक्ष के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनाव के खिलाफ याचिका दाखिल कर दी गई। इसके बाद विपक्ष मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। मामले की सुनवाई 5 फरवरी को हुई। इस दौरान विपक्ष लगातार भाजपा पर हावी था।
वहीं विपक्ष के हमलावर होने और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद को प्लान बी पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्हें कांग्रेस और आप के नाराज पार्षदों से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी गई। आम आदमी पार्टी के 3 पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस और आप गठबंधन के पास 17 पार्षद बचे हैं, जबकि भाजपा के पास सांसद और अकाली दल का वोट मिलाकर 19 हो गए हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक वोट सांसद का होता है। सूत्रों की मानें तो चंडीगढ़ आप और कांग्रेस के कुछ और पार्षद भी भाजपा के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि कुछ और पार्षद जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं।