Haryana में BJP ने अपने नए जिला अध्यक्षों का ऐलान कर दिया है। प्रदेश में कुल 22 जिले होने के बावजूद भाजपा ने 27 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। इनमें हांसी, ग्रेटर गुरुग्राम, गोहाना, डबवाली और बल्लभगढ़ जैसे नए जिलों का भी समावेश है, जिससे संभावना जताई जा रही है कि भाजपा सरकार जल्द ही इन क्षेत्रों को नया जिला घोषित कर सकती है।
भाजपा ने OBC वर्ग को साधने के लिए सबसे ज्यादा 7 जिलाध्यक्ष नियुक्त किए हैं। इसके अलावा 6 ब्राह्मण, 5 पंजाबी, 4 जाट, 2 राजपूत, 2 एससी और 1 बनिया वर्ग से जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। इस बार महिला नेताओं को भी प्रतिनिधित्व मिला है, क्योंकि 4 महिलाएं नए जिलाध्यक्षों की सूची में शामिल हैं।
खेदड़ की वापसी और विवाद:
हिसार जिले के नए जिलाध्यक्ष के रूप में आशा खेदड़ की वापसी हुई है। पहले उन्हें पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला के साथ विवाद के बाद अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था, लेकिन अब उन्हें फिर से हिसार का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस दौरान अशोक सैनी को हांसी का अध्यक्ष बनाया गया है।
गुरुग्राम और ग्रेटर गुरुग्राम में नए जिलाध्यक्ष:
गुरुग्राम जिले में सर्वप्रिय त्यागी को अध्यक्ष बनाया गया है, जो बचपन से ही RSS से जुड़े रहे हैं। हालांकि, उनकी पत्नी हाल ही में हुए निगम चुनाव में वार्ड-6 से पार्षद चुनाव हार गईं। वहीं, ग्रेटर गुरुग्राम के जिलाध्यक्ष के रूप में अजीत यादव को नियुक्त किया गया है, जो यादव समाज से संबंधित हैं। यह कदम भाजपा की तरफ से अहीर समाज को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
करनाल में प्रवीण लाठर की नियुक्ति:
भजपा ने करनाल का नया जिला अध्यक्ष प्रवीण लाठर को बनाया है। प्रवीण लाठर एक पुराने कार्यकर्ता हैं और उन्हें विधायक जगमोहन आनंद का करीबी माना जाता है। इससे पहले वे करनाल के मंडल अध्यक्ष और जिला उपाध्यक्ष रह चुके थे।
महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष ज्योति सैनी को कैथल का जिलाध्यक्ष:
भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष ज्योति सैनी को अब कैथल जिले का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्हें यह पद उनके सक्रिय कार्यों और पार्टी में योगदान के आधार पर दिया गया है।
सार्वजनिक चयन प्रक्रिया:
कैथल जिले के जिलाध्यक्ष के लिए 43 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन अंततः सभी उम्मीदवारों ने सहमति जताते हुए नामांकन पत्र वापस ले लिए, और पद के लिए निर्णय भाजपा हाईकमान ने लिया।
इस घोषणा के साथ, भाजपा ने हरियाणा में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नए अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी है।





