हरियाणा की प्रमुख कुश्ती खिलाड़ी और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संदर्भ में कांग्रेस पर आक्रमण किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के समय तात्कालिक रूप से मंदिरों में जाकर तिलक लगवाने का केवल चुनावी तकनीक के लिए किया है और उनके दिल और दिमाग में भगवान श्रीराम का स्थान नहीं है।
बता दें कि बबीता ने सोमवार को दादरी में अपने कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने इस बात पर रोशनी डालते हुए कहा कि आयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े नेताओं के शामिल न होने पर उन्हें यह आपत्ति है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसे केवल राजनीतिक एजेंडा बनाया है और मंदिर उनके लिए सिर्फ एक चुनावी मुद्दा है। दादरी में अपने कार्यालय के उद्घाटन के दौरान बबीता फोगाट और उनके पति ने हवन किया। उन्होंने अपनी चुनौती को लेकर कहा कि वह लोकसभा चुनावों में भाग लेना चाहती हैं और उनके कार्यालय के उद्घाटन को उसकी तैयारियों का हिस्सा मानती हैं। उन्होंने बताया कि वह भाजपा की कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं और पार्टी तय करेगी कि वे लोकसभा चुनावों या फिर विधानसभा चुनावों में उतरेगी।

भाजपा के सैनिक की भूमिका में करती रहेगी काम
बबीता ने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहती है और यदि पार्टी उन्हें चुनाव में नहीं भेजती है, तो भी वह भाजपा के सैनिक की भूमिका में काम करती रहेगी। उन्होंने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के सदस्यों का मंदिरों में टीका लगवाना चुनावी प्रोपेगैंडा है और उन्हें राम को नहीं मानने वालों को जनता जवाब देगी। बबीता फोगाट ने यह भी बताया कि पहले भी पार्टी ने उन्हें दादरी से विधानसभा चुनावों में उतारा था और अब फिर उनकी इच्छा है कि वह लोकसभा चुनावों में भी भाग लें।

लोकसभा चुनावों में भाग लेने की कड़ी मेहनत
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें चुनाव में नहीं भेजती है, तो भी वह भाजपा के सदस्य के रूप में काम करेंगी और जनसेवा करेंगी। बबीता फोगाट का यह बयान आत्मविश्वास और निष्ठा को दर्शाता है, जो वह लोकसभा चुनावों में भाग लेने की कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ कर रही हैं। उनके बयान से स्पष्ट है कि वह राजनीतिक मैदान में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए तैयार हैं और अपनी सेवाओं के माध्यम से जनता के बीच एक सकारात्मक परिवर्तन का योगदान देना चाहती हैं।


	