भारतीय किसान यूनियन नेता गुरनाम सिंह चडूनी सोनीपत पहुंचे। जहां सोनीपत में नए कार्यालय की शुरुआत की है। गुरनाम सिंह का कहना सभी फसलों पर एमएसपी नहीं मिल रहा है। वहीं राकेश टिकेत के बयान किसानों को राजनीती में नहीं आना चाहिए, इसको लेकर तंज कसते कहा है कि किसान की वोट 65 प्रतिशत है और किसान को राजनीति में न आने की बात कहना किसान को अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, उन्होंने कई चुनाव लड़े थे, जब अंगूर तक मुख नहीं पहुंचा तो अंगूर खट्टे हो गए। अभी तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुकदमे भी वापस नहीं लिए गए हैं। तीन कृषि कानून में भी गड़बड़ी की आशंका नजर आ रही है और वहीं उन्होंने कहा है कि आगामी दिनों में एक बड़ी रणनीति बनाकर बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन जिला कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए के किसान यूनियन नेता गुरनाम सिंह चडूनी सोनीपत पहुंचे, वहीं ब्लॉक का प्रधान विनोद राणा को बनाया गया है। सरकार ने एम एसपी समेत कई वादे सरकार ने किए थे, लेकिन सरकार खरी नहीं उतरी है। सरकार पर आरोप लगाते हुए गुरनाम ने कहा है कि तीन कृषि कानून में भी गड़बड़ी की आशंका नजर आ रही है। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करेगी। सरकार से अपनी बात मनवाने को लेकर घेरने की तैयारी की जा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी कंपनी राज प्रस्तुत करना चाहती है। देश के किसानों का कारोबार कंपनी को देना चाहती है। बीजेपी सरकार को गद्दी से हटाने का काम किया जाएगा।
पड़ोसी राज्यों में गन्ने के भाव कम होने से किसानों को आती है परेशानी
गुरनाम सिंह चडूनी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुकदमे भी वापस नहीं लिए गए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि अभी एसकेएम से बाहर हैं, कार्य उनका है। जिस स्तर पर काम होना चाहिए था, वह एसकेएम नहीं कर पाई है। लखीमपुर के मुद्दे को लेकर भी मीटिंग करने की बात कही। एमएसपी को लेकर गुरनाम ने कहा है कि अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में सबसे ज्यादा एमएसपी मिल रहा है, लेकिन बाजरा, सरसों कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। जिसके अंतर्गत 25 प्रतिशत खरीदारी की बात आती है। वहीं पूरे देश के एम एसपी को लेकर एसकेएम और भारतीय किसान यूनियन भी प्रयास कर रही है। गन्ने के भाव को लेकर गुरनाम ने कहा कि पिछले साल भी गन्ने के भाव को लेकर प्रोटेस्ट किया गया था, तब जाकर 10 रूपए की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं सरकार की तरफ से पड़ोसी राज्यों में गन्ने के भाव कम होने के कारण भी किसानों के सामने यह परेशानी आती है।
किसानों के लिए चौधरी देवीलाल ने बहुत कुछ किया
गुरनाम ने कहा राजनीति के बिना कोई सुधार नहीं हो सकता और उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि आगामी चुनाव में बीजेपी पार्टी की खिलाफत करेंगे। पार्टी को हराने का काम किया जाएगा। राकेश टिकैत पर तंज कसते करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, उन्होंने कई चुनाव लड़े थे, उनकी जीत नहीं हुई तो अब वह दूसरों को राजनीति में ना आने की सलाह दे रहे हैं। वहीं उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से तुलना करते हुए कहा कि अगर उनकी जगह राकेश टिकैत होता तो क्या वह यह कानून बनाते। उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसानों के लिए कुछ किया है तो चौधरी देवीलाल ने किया है और उन्होंने सत्ता में जाने के बाद किसानों के लिए बहुत कुछ किया है। वहीं उन्होंने राजनीति का समर्थन करते हुए कहा है कि वोट डालना ही खुद में राजनीति है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार की नीतियां अच्छी हैं तो उन्हें लोग वोट डालेंगे। किसान की आर्थिक गुलामी का सबसे बड़ा कारण किसान नेता है जो यह कहते हैं कि दोनों को अराजनीतिक रहना चाहिए।
बाजरे पर एमएसपी नहीं, भावांतर है
उन्होंने कहा कि एमएसपी सभी फसलों पर नहीं मिल रहा है। बाजरे पर एमएसपी नहीं है, बल्कि भावांतर है। वहीं सरसों और कपास पर भी नहीं मिल रहा है और सूरजमुखी का पिछले साल जो हाल हुआ वह सबके सामने है। 15 सितंबर से धान की खरीद की मांग किसान करते हैं, लेकिन सरकार 1 अक्टूबर से शुरू करती है।