Review committee meeting to curb pollution

Sonipat : फसल अवशेष प्रबंधन के शत-प्रतिशत परिणामों के लिए गंभीरता से मंथन, सरपंचों, नंबरदारों और चौकीदारों की भी जिम्मेदारी तय

बड़ी ख़बर सोनीपत हरियाणा

हरियाणा के जिला सोनीपत में प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उपायुक्त द्वारा गठित की गई फसल अवशेष प्रबंधन समीक्षात्मक कमेटी की बैठक में नोडल अधिकारी एवं एसडीएम गन्नौर निर्मल नागर ने विस्तार से शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने के लिए मंथन किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को विशेष रूप से जागरूक व प्रेरित करने की आवश्यकता है, ताकि वह फसलों का उचित प्रबंधन करें। इससे उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।

एसडीएम कार्यालय सोनीपत में फसल अवशेष प्रबंधन समीक्षात्मक कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कमेटी के नोडल अधिकारी एसडीएम निर्मल नागर ने की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए फसल अवशेष प्रबंधन अत्यंत जरूरी है। इसके लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। साथ ही जागरूक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहे हैं। किसानों को भी स्वयं आगे आकर फसलों का उचित प्रबंधन करना चाहिए। पराली जलाने से पूरी तरह परहेज रखना चाहिए। पराली जलाने से केवल नुकसान होता है। इससे पैदावार कम होती है और भूमि की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है। एसडीएम ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरपंचों, नंबरदारों और चौकीदारों की जिम्मेदारी तय करें।

अधिकारियों के साथ पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी लगाने का सुझाव

एसडीएम निर्मल नागर ने कहा कि अध्ययन उपरांत पता चला है कि पराली जलाने की अधिकांश घटनाएं ठेके पर ली गई भूमि में हुई है। ऐसे में जरूरी है कि फसल अवशेष प्रबंधन करना व पराली जलाने से रोकने के लिए भूमि मालिक की ही जिम्मेदारी तय की जाए। सीजन के दौरान काश्त की गई फसल का ब्यौरा संबंधित पटवारी द्वारा अलग से रजिस्टर लगाकर दर्ज किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस के डायल-112 पर भी पराली जलाने की घटनाओं को दर्ज किया जाए, ताकि तुरंत आरोपियों को पकड़ा जा सके। कृषि विभाग व अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी साथ में लगाई जानी चाहिए।

फैक्ट्रियों की समय सीमा निर्धारित करने पर विचार करने की आवश्यकता

एसडीएम निर्मल नागर ने कहा कि धान की कटाई से दो माह पहले ही धुंआ छोड़ने वाली फैक्ट्रियों को चलाने की समय सीमा निर्धारित करने पर विचार करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। इन घटनाओं पर और लगाम लगाने के लिए पूसा डी-कम्पोजर मशीन की पर्याप्त उलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा उन्होंने अन्य सुझावों पर भी मंथन करते हुए कहा कि यह सुझाव उपायुक्त को प्रेषित किए जाएंगे। बैठक में एसडीएम अमित कुमार, डीआरओ हरिओम अत्री, डीडीए डॉ. पवन शर्मा, तहसीलदार मनोज कुमार, एसडीओ रविंद्र कुमार, धर्मबीर सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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