Karnal में BJP के निकाय चुनाव की टिकट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ गया है। टिकट न मिलने पर मोहदीनपुर मंडल के उपाध्यक्ष कृष्ण रोड़ ने अपने समर्थकों के साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जो कुछ महीनों पहले ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुआ था, जबकि वह खुद पिछले छह वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे थे।
कृष्ण रोड़ ने विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण से टिकट देने का आश्वासन मिलने की बात कही, लेकिन अंतिम क्षणों में उनका नाम काट दिया गया। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से यह भी सवाल किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं देना था तो कम से कम पार्टी के अन्य योग्य नेताओं को तो टिकट दिया जाता।
इससे पहले, मंत्री अनिल विज ने अंबाला में नगर परिषद के टिकट बंटवारे पर विरोध जताया था, और उनके समर्थकों ने घर-घर जाकर विरोध प्रदर्शन किया था।
भाजपा और कांग्रेस में टिकटों को लेकर विवाद
इस बीच, फरीदाबाद, पानीपत, और मानेसर जैसे क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम तय नहीं हो पाए हैं, जिससे चुनावी स्थिति और जटिल हो गई है। भाजपा ने अब तक 9 नगर निगमों में मेयर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जबकि कांग्रेस ने 8 नगर निगमों में उम्मीदवारों की घोषणा की है।
महिला उम्मीदवारों की संख्या पर भी उठा सवाल
भाजपा ने 9 निगमों में से 6 महिलाओं को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 7 में से केवल 3 महिलाओं को मेयर उम्मीदवार के तौर पर टिकट दी है।
कांग्रेस और भाजपा में बागियों की वापसी
कांग्रेस ने भाजपा के बागियों को भी टिकट दिया है, जैसे कि रोहतक से सूरजमल किलोई और करनाल से मनोज वधवा। इन बागियों का मुकाबला भाजपा के उम्मीदवारों से होगा।
पंजाबी वर्सेस वैश्य की लड़ाई
अनेकों नगर निगमों में पंजाबी वर्सेस वैश्य का मुकाबला होने जा रहा है, जैसे कि हिसार, करनाल, और सोनीपत में, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे के समुदाय से उम्मीदवार उतार रही हैं।
आरक्षित सीटों पर SC चेहरे
रोहतक और यमुनानगर की सीटें आरक्षित होने के कारण इन स्थानों पर दोनों पार्टियों ने SC समुदाय से उम्मीदवारों को उतारा है।
फरीदाबाद, पानीपत और मानेसर में पेंच फंसा
इन तीन नगर निगमों में अभी भी उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया है, और यह सीटें एक-दूसरे के विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए इंतजार कर रही हैं।
नौकरी से जुड़े विवादों की स्थिति
कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही उम्मीदवार चयन में विवादों की स्थिति बन रही है, जिससे दोनों पार्टियों के आंतरिक मतभेद और दबाव सामने आ रहे हैं।