पानीपत के किसान भवन की चौधर को लेकर दो गुटों में चल रहे विरोध के बीच जिलेभर के किसान असंध रोड स्थित किसान भवन में एकत्रित होने लगे हैं। दो पक्षों के किसान बापौली, समालखा, इसराना सहित हर ब्लॉक से किसान पहुंच रहे हैं। पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया भी यहां पहुंच चुके हैं। इस दौरान सोनू कई किसानों ने सोनू और किसान एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए। कार्यालय का ताला खोलने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद भी हुआ। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए।
हरेंद्र राणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान भवन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। सोनू मालपुरिया का किसान भवन से अब कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। उन्होंने कल यह बात भी कहीं थी कि हमारा कार्यकाल खत्म हो गया है। आपका कार्यकाल शुरू हो गया है। सोनू मालपुरिया अब भारतीय किसान यूनियन टिकैत समूह के प्रदेश महासचिव है, लेकिन वह भी किसान भवन के मामल में हस्तक्षेप कर रहे हैं। असामाजिक तत्वों को यहां लाकर माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। पानीपत के किसान इस बात को सहन नहीं करेंगे। आज गढ़ी भैरा के सूरजभान को प्रधान पद का चार्ज सौंप दिया जाएगा। हर आदमी उनके साथ है।
जगपाल नहीं बने प्रधान, बैठक को गई थी रद्द
हरेंद्र राणा का कहना है कि जगपाल को प्रधान नहीं चुना गया था। उस दौरान बैठक को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद सोनू पक्ष ने किसान भवन में आकर जगपाल को प्रधान घोषित कर दिया। जगपाल यूनियन से जुड़े होने के साथ करनाल जिले से हैं, जबकि उनका पानीपत से कोई लेना-देना नहीं है।
सोनू किसान भवन से ले गए सामान
हरेंद्र राणा का कहना है कि सोनू मालपुरिया पानीपत भवन से गद्दे, सिलेंडर आदि कई सामान ले गए हैं, जबकि उनका खाना भी किसान भवन से ही जाता रहा है। उनकी सोनू से मांग और चेतावनी भी है कि किसान भवन को जो सामान उनके पास है, उसे लौटाया जाए। यह सामान ब्लॉक समालखा में बनाए गए भवन में गया है। अब किसान भवन से गाड़ी, खाना और सामान नहीं जाने दिया जाएगा।

धारा 144 का उल्लंघन कर रहा दूसरा पक्ष, पुलिस पर साथ देने का आरोप
पानीपत के किसान भवन की चौधर मामले को लेकर पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया का कहना था कि दूसरे पक्ष की ओर से धारा 144 का उल्लंघन किया गया है। किसान भवन को बचाने के लिए 9 अगस्त को किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचेंगे। पुलिस भी दूसरे पक्ष को बचाने का काम कर रही है।
पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया का कहना था कि दूसरा पक्ष धारा-144 का फायदा उठा रहा है। इनके लिए कोई रोक नहीं है। हम पर हर जगह पाबंदी लगाई जा रही है। मेरा किसान भवन से अब कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन दूसरा पक्ष किसान भवन पर कब्जा करना चाहता है। उनकी पुलिस अधीक्षक से मांग है कि कानून व्यवस्था के तहत धारा 144 के नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाए। शरारती तत्वों को यहां से खदेड़ा जाए। दूसरे पक्ष पर कार्यवाही नहीं करके जगमाल रावल पक्ष पर दबाव बनाया जा रहा है और उनसे प्रधानी वापस मांगी जा रही है।
सोनू छोड़कर चले गए थे भवन, बुर्जुगों ने दिया आर्शीवाद
मंगलवार को ब्लॉक बापौली के सूरजभान को किसान भवन का प्रधान चुना गया। सूरजभान ने बताया था कि पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया भवन छोड़कर चले गए थे। उन्हें बुर्जुगों ने आशीर्वाद दिया है। पहले पक्ष की ओर से कार्यकाल बढ़ाने की कोशिश की गई थी। इस बात को लेकर पहले भी सोनू मालपुरिया से बैठक हुई थी। उनका कार्यकाल 4 अगस्त को पूरा हो रहा था। अब उन्होंने 9 अगस्त से चार्ज दिया है, पहले 1 अगस्त से चार्ज दिया जा रहा था। उनका लालच में मन बदल गया था। सूरजभान का कहना है कि उन्हें टिंकू देशवाल ने भी समर्थन दिया है। हमारा कार्यकाल दो साल तक रहेगा। अगला पानीपत ग्रामीण से प्रधान बनना है। वह पानीपत वाले बनाएंगे।
यह है मामला
पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया की ओर से जगमाल रावल को प्रधान बनाए जाने के बाद किसानों ने सनौली-बापौली ब्लॉक का प्रधान मानने से इंकार कर दिया था। 28 अप्रैल को सर्वसम्मति से रोशनलाल उर्फ टिंकू देशवाल को नया प्रधान चुना गया था। दूसरी तरफ जगमाल रावल पक्ष का कहना था कि पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया की उपस्थिति में 28 जुलाई को उन्हें प्रधान चुना गया था। उन्होंने मंगलवार को हुए प्रधान पद के चुनाव को गलत बताया। किसान भवन में बैठक के दौरान कोई विवाद न हो, इसको लेकर पुलिस बल मौजूद रहा। आज किसान भवन में पदाधिकारी व किसान एकजुट होंगे।