गुरुग्राम की एक 3 साल की बच्ची के साथ हुए रेप और हत्या मामले में आज कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। जज शशि चौहान ने उसे 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही सरकार से बच्ची के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश भी दिए।
आरोपी के खिलाफ इसी तरह के चार मामले दर्ज हैं, जिसमें तीन मामले गुरुग्राम में हैं और एक मामला मध्य प्रदेश में है। इन मामलों पर भी सजा सुनाते समय गौर किया गया। घटना नवंबर 2018 की है, जब तीन बच्चियां अपने घर के बाहर खेल रही थीं। उस समय पेशे से मजदूर सुनील वहां पहुंचा और बच्चियों को 10 रुपए का लालच देकर अपने साथ चलने को कहा। दो बच्चियां जाने को तैयार नहीं हुईं, लेकिन सुनील ने 3 साल की बच्ची को कुछ खिलाने का लालच देकर उसे साथ ले गया। शाम तक बच्ची लौटी नहीं, तो उसके माता-पिता ने उसकी खोज शुरू की और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बच्ची की तलाश चल रही थी, जब एक मंदिर के सामने उसका शव विकृत हालत में मिला। उसके चेहरे पर कटे के निशान थे और उसका सिर पत्थरों से बुरी तरह से कुचला गया था। बच्ची के गुप्तांगों में ईंटों के टुकड़े और लकड़ियां ठूंसी गई थीं। जिससे स्पष्ट हो गया कि उसके साथ बहुत बर्बरता की गई है।
हफ्ते भर बाद किया था गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी सुनील को हफ्ते भर बाद गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर वारदात के समय पहने गए कपड़े भी बरामद किए गए थे। घटना के बाद गैर-सरकारी संगठन “बचपन बचाओ आंदोलन” की टीम पीड़िता के परिवार के पास पहुंची और न्याय के लिए सहायता की।
पीड़िता को न्याय और अपराधी को मिली सजा
बचपन बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ वकील विद्या सागर शुक्ला ने कोर्ट में पीड़िता की तरफ से दलीलें पेश की और अभियुक्त के खिलाफ मौत की सजा की मांग की। उन्होंने फैसले का स्वागत किया और कहा मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि पीड़िता के परिवार को न्याय मिला और अपराधी को सजा मिली।