Hisar के हांसी में एक दुकानदार की आत्महत्या के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने मंगलवार को गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। लगभग आधे घंटे तक हांसी के नागरिक अस्पताल के बाहर सड़क पर प्रदर्शन चला।
सूचना मिलने पर सिटी थाना एसएचओ सदानंद और एसडीएम राजेश खोथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजनों ने जाम हटाया। हालांकि, परिजनों ने चेतावनी दी कि अगर शाम तक गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे शव को सड़क पर रखकर विरोध करेंगे।
मुल्तान कॉलोनी निवासी अरुण मेहता (मृतक) का एसडी महिला कॉलेज के पास श्री बालाजी कम्युनिकेशन के नाम से मोबाइल की दुकान थी। सोमवार को उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके से मिले दो पन्नों के सुसाइड नोट में उसने चार युवकों निहार खुराना, रवि मलिक, नीरज आर्य, और पारस पंडित को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।
सुसाइड नोट के तीन बड़े खुलासे
अरुण ने लिखा, “मैं अपनी जिंदगी से बहुत दुखी हो चुका हूं। दुकान से चोरी और उधार दिए पैसे वापस न मिलने से परेशान हूं। ये लोग मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं।” अरुण ने आरोप लगाया कि ये लोग उसे हर जगह धमकियां देते थे, जिससे उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई। उसने अपने पूर्व पार्टनर निहार खुराना पर चोरी का शक जताया और लिखा कि सबूत न होने के कारण उसे हटा दिया गया था।
गांव और परिवार में मातम का माहौल
अरुण अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी मां का तीन साल पहले निधन हो चुका था। डेढ़ साल पहले हुई शादी के बाद भी उनके बच्चे नहीं थे। परिवार का कहना है कि अरुण घर की जिम्मेदारी अकेले संभालता था।
गिरफ्तारी के लिए बढ़ता दबाव
पुलिस ने मृतक के पिता सुभाष चंद्र की शिकायत पर चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। तनावपूर्ण माहौल के बीच प्रशासन के सामने आरोपियों की गिरफ्तारी और हालात को संभालने की चुनौती है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है, और परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं।