केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देश के 17 पॉल्यूटेड सिटी की लिस्ट जारी की है। जिसमें से 7 शहर हरियाणा के है। इन शहरों में सीएम सिटी के नाम से विख्यात करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल, भिवानी, बहादुरगढ़, फरीदाबाद और रोहतक के नाम शामिल हैं। इन शहरों का पार्टिकुलेट मैटर 2.5 दर्ज किया गया, जो हानिकारक है। इसके अलावा एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 200 के पार रिकॉर्ड किया गया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। एनजीटी ने हरियाणा सरकार को महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी में चल रहे स्टोन क्रशर यूनिट्स की आठ माह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश हैं। इस रिपोर्ट में परमिशन और चलाने की अनुमति की जानकारी भी एनजीटी ने मांगी है। हालांकि सरकार की ओर से पहले ही अवैध रूप से चलने वाले स्टोन क्रशर के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
सरकार की रिपोर्ट में क्या?
हरियाणा सरकार के द्वारा एनजीटी को पिछले महीने एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें बताया गया है कि महेंद्रगढ़ में संचालित होने वाले 133 स्टोन क्रशर यूनिट में से 49 को बंद कर दिया गया है। यह स्टोन क्रशर अवैध रूप से संचालित किए जा रहे थे। चरखी दादरी में 104 ऐसे स्टोन क्रशर मिले हैं जो मानदंडों के विपरीत संचालित किए जा रहे थे। सरकार ने इसमें से 40 को बंद कर दिया है। इसके अलावा हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पांच मैनुअल मॉनिटरिंग स्टेशन भी स्थापित किए हैं।
अब तक 871 पराली जलाने के मामले आए
हरियाणा में अब तक सीजन में पराली जलाने के 871 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा फतेहाबाद जिले में 128 जगह पराली जलाने के केस मिले हैं। इसके अलावा में अंबाला में 114, कैथल में 113, जींद में 110, कुरूक्षेत्र में 102, करनाल और हिसार में 55-55, यमुनानगर में 53, सोनीपत में 49 जगह पराली जलाई गई। इसके अलावा पलवल में 45, पानीपत में 18, सिरसा में 13, रोहतक में 7, झज्जर में 4, भिवानी और फरीदाबाद में दो-दो और पंचकूला में 1 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।