चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में रात को एक फर्नीचर के शोरूम में आग लग गई। आग काफी भयानक थी। आग की लपटों को देखकर वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। मौके पर पुलिस और फायर विभाग की टीम पहुंच गई। उन्होंने करीब चार घंटे के ऑपरेशन के बाद सुबह 4 बजे इस आग पर काबू पाया है। आग में लाखों रुपए का फर्नीचर जलकर खाक हो गया है।
आग के कारणों का अभी पता नहीं दमकल विभाग के अनुसार आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। दमकल विभाग की टीम आज दोबारा से मौके पर जाकर इसकी पड़ताल करेगी। शोरूम के अंदर लकड़ी का फर्नीचर होने के कारण यह आग काफी तेज भड़क गई थी।
फर्नीचर पर लगे केमिकल के कारण आग ने विकराल रुप
शोरूम में फर्नीचर पर लगे केमिकल के कारण भी इस आग ने विकराल रूप ले लिया था। मौके पर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 के फायर टेंडर के अलावा दूसरे और स्टेशनों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलानी पड़ी। करीब 1:30 बजे इस आग को धीमा कर दिया गया था, लेकिन पूरा ऑपरेशन सुबह 4 बजे तक चला है।
पहले भी लगी थी फर्नीचर के शोरूम में आग
इंडस्ट्रियल एरिया फेज- 2 में ही 4 अक्टूबर को भजन गायक कन्हैया मित्तल के भाई के फर्नीचर के शोरूम में आग लगी थी। इसमें भी पूरा फर्नीचर जल गया था। इससे पहले इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में टोयोटा गाड़ियों के शोरूम में भी आग लग गई थी। 9 अक्टूबर को पीजीआई के नेहरू ब्लॉक में आग लगी थी।
अस्पताल में हुआ था काफी नुकसान
इसमें अस्पताल में काफी नुकसान हो गया था। 16 अक्टूबर को पीजीआई के एडवांस आई सेंटर में भी आग लगी थी। दिवाली वाले दिन भी देर शाम चंडीगढ़ के बापूधाम कॉलोनी में एक कपड़ों के तीन मंजिला शोरूम में आग लग गई थी। इसमें कपड़ों का काफी नुकसान हुआ था।
345 में से सिर्फ 80 के पास एनओसा नगर निगम ने पीजीआई में लगी आग के बाद एक सर्वे कराया था। उसमें सामने आया था कि उन्होंने चंडीगढ़ की कुल 345 ऐसी इमारत का सर्वे किया, जो की 15 मीटर से ऊंची है। इनमें से सिर्फ 80 इमारत ऐसी हैं, जिन्होंने नगर निगम से एनओसी ली है। जबकि 262 ऐसी इमारतें हैं, जिन्होंने एनओसी लेने के लिए आवेदन ही नहीं किया है। मात्र 78 इमारतें ऐसी हैं, जिनके आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। जबकि एक इमारत अभी बंद पड़ी हुई है।