चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए नए रास्ते के विरोध में किसानों ने आवाज उठाई है। उन्हें लगता है कि जो नया रास्ता बनाया जा रहा है वह किसानों की जमीन का अधिग्रहण करेगा, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मुद्दे में समर्थन दिखाया है और चंडीगढ़ में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उन्होंने प्रशासन से किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।
किसानों का आरोप है कि नये रूट के तहत चंडीगढ़ और मोहाली के किसानों की जमीन अधिग्रहण होगी। चंडीगढ़ के किसानों को मात्र ढाई करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि मोहाली में पंजाब सरकार 10 से 15 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे रही है।

वर्तमान में चंडीगढ़ से एयरपोर्ट तक केवल एक ही रास्ता है जो करीब 11.5 किलोमीटर दूर है। प्रशासन ने एक वैकल्पिक रूट की सोच बताई है, जिससे यह दूरी कम हो सके। इसके अनुसार नये रूट से चंडीगढ़ बॉर्डर से एयरपोर्ट तक केवल 3.5 किलोमीटर ही होगी। इस प्रस्ताव को लेकर चंडीगढ़ और मोहाली प्रशासन ने मिलकर फैसला लिया है, लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी बाकी है।
इस मुद्दे पर बीजेपी के पार्षद कुलजीत सिंह संधू ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने दिवाली के मौके पर चंडीगढ़ प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्हें लगता है कि यहां के किसानों को ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए।