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Chandigarh: केन्द्र सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम की बजाय ओपीएस करे बहाल: विजेंद्र धारीवाल

हरियाणा चंडीगढ़

chandigarh नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय मुख्य संगठन सचिव और पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार यूपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से बहाल करे।

धारीवाल ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कई छुपी हुई शर्तें हैं, जिनके कारण अधिकतर कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन नहीं मिल पाएगा। उनके अनुसार यूपीएस में कर्मचारी अपने बेसिक वेतन और डीए का 10% योगदान वापस नहीं ले सकते। 25 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों को पूरी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। सेवा के दौरान यूपीएस फंड से किसी भी प्रकार की निकासी की अनुमति नहीं होगी। यूपीएस में मेडिकल खर्च की कोई सुविधा नहीं है। सेवाकाल के आधार पर पेंशन की गणना की गई है, जिसमें 25 साल की सेवा पूरी करने पर ही औसत अंतिम वेतन का 50% पेंशन मिलेगा।

धारीवाल ने यह भी बताया कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को अपने पूरे अंशदान और प्राण खाते की राशि सरकार के पूल कॉर्पस में स्थानांतरित करनी होगी। इससे पहले की जमापूंजी पर कोई अधिकार नहीं रहेगा। धारीवाल ने कहा कि यूपीएस, ओपीएस का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह यूपीएस जैसी आधी-अधूरी योजना लाने की बजाय ओपीएस बहाल करे।

कुरुक्षेत्र में होगी राज्य स्तरीय बैठक
धारीवाल ने जानकारी दी कि अगले सप्ताह कुरुक्षेत्र में पेंशन बहाली संघर्ष समिति की राज्य स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी। इसमें सभी विभागों के कर्मचारी यूपीएस की समीक्षा करते हुए केंद्र सरकार से ओपीएस बहाली की मांग पर चर्चा करेंगे।

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