meeting of Administrator Banwari Lal with the Prime Minister

Chandigarh : प्रशासक बनवारी लाल की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद नए एडवाइजर को लेकर हलचल हुई तेज

चंडीगढ़ बड़ी ख़बर हरियाणा

चंडीगढ़ में सोमवार को नरेंद्र मोदी से प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अचानक मुलाकात होने से शहर में नए एडवाइजर के नाम को लेकर चर्चा होने लगी है। जिसमें पुडुचेरी के मौजूदा सचिव राजीव वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है। वह 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनके अलावा अरुणाचल प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. शरद चौहान का नाम भी चर्चाओं में था। इस पद की दौड़ में संजीव कुमार, अश्विनी कुमार, मनीष गुप्ता, अमित यादव और डॉ. पुनीत गोयल का नाम भी बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के कारण अब तक केंद्र सरकार ने नए एडवाइजर के पद के लिए कोई फैसला नहीं लिया था। 5 राज्यों के नतीजे आने और प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद अब बताया जा रहा है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने इस पद की नियुक्ति के लिए फाइल प्रधानमंत्री को भेज दी है। अब प्रधानमंत्री द्वारा इस पर फैसला लिया जाएगा।

पूर्व एडवाइजर 31 अक्तूबर को हो चुके है रिटायर्ड

बता दे की चंडीगढ़ के पूर्व एडवाइजर डॉ. धर्मपाल 31 अक्तूबर को रिटायर्ड हो गए थे। तब से चंडीगढ़ के होम सेक्रेटरी नितिन कुमार को चंडीगढ़ के एडवाइजर का अतिरिक्त कार्य दिया गया है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की मुलाकात के बाद शहर में लेफ्टिनेंट गवर्नर भी लगाने की चर्चा हो रही है। क्योंकि आने वाले दिनों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का चंडीगढ़ दौरा है। पिछली बार मार्च 2022 में उन्होंने अपने दौरे के दौरान चंडीगढ़ में केंद्रीय सर्विस नियम लागू करने की घोषणा की थी।

चंडीगढ़ में कई बड़े कामों को लेकर चर्चा में रहे धर्मपाल

धर्मपाल की एक सुलझे हुए अधिकारी की छवि रही है जिन्होंने चंडीगढ़ में अपनी दमदार परफोर्मेंस से खूब सुर्खियां बटोरी। वह चंडीगढ़ में कई बड़े कामों को लेकर चर्चा में रहे। चंडीगढ़ में मेट्रो प्रोजेक्ट, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, स्पोर्ट्स पॉलिसी और स्टार्टअप पॉलिसी जैसे कई अहम मुद्दे उनके कार्यकाल में ही आगे बढ़े।

प्रधानमंत्री दौरे के दौरान कर सकते है नए एडवाइजर की घोषणा

अब प्रशासनिक अधिकारियों में चर्चा है कि गृहमंत्री अपने दौरे के दौरान इस तरह की घोषणा भी कर सकते हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार पहले भी इस तरह की योजना बनाई थी, लेकिन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विरोध के बाद इस फैसले को वापस लेना पड़ा था।