Chandigarh में एक युवक ने खुद को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का पीए बताकर पेट्रोल पंप ट्रांसफर करवाने के नाम पर 57.50 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी ने पीड़ित को फर्जी दस्तावेज सौंपे, जिनकी जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला सामने आया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुई ठगी?
मंडी गोबिंदगढ़ के कंवलप्रीत सिंह ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह पेट्रोल पंप के लिए चयनित हुए थे, लेकिन रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के कारण उन्हें स्थान बदलवाने की जरूरत थी। इस संदर्भ में उनकी महिला मित्र कांता मीना ने उन्हें मोहित गोगिया से संपर्क करने का सुझाव दिया। गोगिया ने खुद को नितिन गडकरी का करीबी बताते हुए मदद का आश्वासन दिया और पेट्रोल पंप स्थानांतरित करवाने के बदले पैसे की मांग की।
पैसों का लेन-देन और फर्जी दस्तावेज
गोगिया ने कंवलप्रीत से पेट्रोल पंप को चंडीगढ़ में स्थानांतरित करने के लिए 57.50 लाख रुपए अलग-अलग किस्तों में अपने और साथी रजित मल्होत्रा के खातों में ट्रांसफर करवाए। दिसंबर 2022 में गोगिया ने शिकायतकर्ता को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी के हस्ताक्षर वाला एक पत्र सौंपा।
फर्जी लेटर से हुआ खुलासा
जब कंवलप्रीत ने पत्र देखा, तो उसमें हरदीप पुरी का नाम गलत तरीके से इस्पात मंत्री के रूप में लिखा गया था, जबकि उन्हें कभी यह पद नहीं मिला। शक होने पर कंवलप्रीत ने गोगिया से बातचीत की, लेकिन गोगिया ने मामले को टाल दिया। इससे कंवलप्रीत को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने कंवलप्रीत की शिकायत के आधार पर मोहित गोगिया और रजित मल्होत्रा के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि मामले में आरोपियों की गतिविधियों और लेन-देन की पड़ताल की जा रही है।