Haryana में महिलाओं और बेटियों को समाज में नई पहचान दिलाने के लिए सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने महिला हितेषी पंचायत अभियान की शुरुआत करने का फैसला किया है। इस पहल का उद्देश्य महिला जनप्रतिनिधियों को उनके वास्तविक अधिकारों से अवगत कराते हुए उन्हें स्वतंत्र रूप से फैसले लेने के लिए प्रेरित करना है।
सरपंच पति से बनेगा ‘पर्सनल सेक्रेटरी’
फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने कहा कि इस अभियान के तहत महिला सरपंचों के पतियों को ‘एसपी’ (सरपंच पति) से ‘पीएस’ (पर्सनल सेक्रेटरी) की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और अन्य राज्यों में महिलाएं सरपंच बनने के बावजूद अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं कर पातीं। उनके पति सरपंच का काम संभालते हैं, जिसे गांवों में ‘एसपी’ कहा जाता है।
महिलाओं के लिए संवैधानिक अधिकारों का जागरूकता अभियान
महिला हितेषी पंचायत अभियान के तहत महिला ग्राम सभा और संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे। फाउंडेशन की टीम महिलाओं को पंचायत के संवैधानिक 29 अधिकारों की जानकारी देगी और पुरुषों को पितृसत्ता छोड़कर महिला हितैषी बनने का संदेश देगी। इसके लिए ‘एहसास सॉफ्टवेयर’ तैयार किया गया है, जो पितृसत्ता की मानसिकता को बदलने में मदद करेगा।
महिला सशक्तिकरण के प्रति सुनील जागलान की प्रतिबद्धता
सुनील जागलान, जो जींद जिले के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं, ने महिला सशक्तिकरण के 75 से अधिक अभियानों का नेतृत्व किया है। उनके ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार सराहा है। जागलान पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म सनराइज़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
महिला आरक्षण को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा में पारित नारी वंदन अधिनियम 2029 में लागू होगा। इस बीच, फाउंडेशन की पंच वर्षीय योजना के तहत महिलाओं को सही मायने में गांव की सरकार बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
महिला हितेषी पंचायत अभियान की विशेषताएं
- ग्राम सभाओं में जागरूकता: महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की जानकारी।
- पुरुषों में मानसिकता बदलाव: पितृसत्ता के स्थान पर महिला हितैषी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर।
- सशक्त महिला प्रतिनिधित्व: महिलाओं को पंचायतों में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करना।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां
सुनील जागलान को महिला सशक्तिकरण के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। हाल ही में उन्हें डिबीयर्स लंदन से 35 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके बीबीपुर मॉडल को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के 100 गांवों में लागू करवाया था।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल महिलाओं को सशक्त बनाना है, बल्कि गांवों में पितृसत्तात्मक व्यवस्था को समाप्त कर, एक समान समाज की नींव रखना है।