प्रदेश में जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ मामले को लेकर राज्य मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि पुलिस के पास उनके खिलाफ अहम सबूत हैं, जिनका खुलासा चार्जशीट से हुआ है। चार्जशीट में एक बात स्पष्ट है कि संदीप ने एसआईटी को जो बयान दिए, उनमें कई बातें मेल नहीं खा रहीं।
मंत्री ने पुलिस को कहा था कि पीड़िता से उनके पर्सनल रिलेशन नहीं थे, जांच में सामने आया है कि उनके बीच रिश्ते प्रोफेशनल रिलेशन से कहीं आगे थे। मंत्री ने पुलिस को बताया था कि पीड़िता केवल 15 मिनट के लिए उनके मेन कार्यालय के केबिन में मिली थी। पुलिस ने पीड़िता को क्राइम सीन रीक्रिएशन के लिए मंत्री के घर बुलाया तो उसने मंत्री के मेन कार्यालय, साइड रूम, बेडरूम, बाथरूम आदि की लोकेशन सही-सही बता दी। चार्जशीट के अनुसार मंत्री ने पुलिस को बताया था कि उसके पीड़िता के साथ कोई पर्सनल रिलेशन नहीं थे। जांच से ये बात साबित हुई है कि उनके बीच रिश्ते प्रोफेशनल रिलेशन से कहीं आगे थे।
पीड़िता ने शारीरिक छेड़छाड़ के लगाए थे आरोप
रिपोर्ट में बताया गया है कि मामले के बाद मंत्री ने पुलिस को कहा था कि पीड़िता केवल उनके मेन ऑफिस के कैबिन में ही उनसे मिली थी, वह भी केवल 15 मिनट के लिए। जबकि पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि संदीप सिंह उसे एक कमरे में ले गए, जहां उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ की गई थी। इससे पहले वह उनके घर के वॉशरूम में भी गई थी, इसलिए जब पुलिस ने पीड़िता को जांच के लिए मंत्री के घर बुलाया तो उसने पहली बार में मंत्री के मेन कार्यालय, साइड रूम, बेडरूम, बाथरूम आदि की लोकेशन सही बता दी। चार्जशीट में कहा गया है कि इससे स्पष्ट हो गया कि वह मंत्री के घर पहुंची थी और वहां उससे छेड़छाड़ हुई, जबकि मंत्री ने बयानों में झूठ बोला।
पीड़िता ने सोशल मीडिया के जरिए ली थी अप्वॉइंटमेंट
चार्जशीट में मंत्री संदीप सिंह ने पुलिस को बयान दिए कि पीड़िता उनसे अप्वॉइंटमेंट लेकर मिलने आई थी, जबकि जांच में मंत्री ने कबूल किया कि पीड़िता ने अप्वॉइंटमेंट सोशल मीडिया के जरिए ली थी। तब पुलिस ने सवाल पूछा कि किसी आम इंसान को मिलना हो तो वह भी सोशल मीडिया पर अपॉइंटमेंट लेता था या फिर उनके ऑफिशियल स्टाफ के जरिए मुलाकात होती थी। ऐसे में पुलिस जांच में सामने आया कि मंत्री की पीड़िता के प्रति गलत नीयत थी।
मंजूरी की फाइल स्पोर्ट्स विभाग के डायरेक्टर के पास जानी थी
पीड़िता का आरोप था कि उसे जानबूझकर ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने से रोका गया। उसकी मंजूरी की फाइल स्पोर्ट्स विभाग के डायरेक्टर के पास जानी थी, पर उसकी फाइल मंत्री संदीप को भेजी गई और उन्होंने इसे रिजेक्ट कर दिया। चार्जशीट में लिखा गया है कि इस पर पुलिस ने संदीप सिंह और उस समय के खेल विभाग के डायरेक्टर पंकज नैन के भी बयान लिए थे, परंतु ये बात स्पष्ट नहीं हो सकी कि फाइल मंत्री तक कैसे पहुंची।
16 सितंबर को आरोप तय किए जाने को लेकर होगी बहस
चार्जशीट पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी। केस में आरोप तय किए जाने को लेकर बहस होगी। महिला कोच के एडवोकेट दीपांशु बंसल ने कहा है कि चार्जशीट में रेप के प्रयास की धारा 376, 511 पुलिस ने नहीं लगाई है, उसे जोड़ने को कोर्ट से अपील करेंगे।
आरोपी से बचकर भागी, तो टेबल से टकरा गया सिर
कोच का मोबाइल सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) में भेजा गया था। जांच में कुछ चैट्स व वॉइस रिकॉर्डिंग मिली, जिससे पता चला कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना कुछ लोगों काे बताई थी। एक परिचित को 16 जुलाई 2022 को एक फोटो भेजी थी, जिसमें सिर पर पट्टी बंधी थी। पीड़िता ने बताया कि आरोपी से बचकर भागने लगी तो सिर टेबल से टकरा गया।
कोर्ट में राज्य मंत्री ने अग्रिम जमानत याचिका की दायर
महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में फंसे राज्य मंत्री संदीप सिंह ने चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, याचिका पर 13 सितंबर को सुनवाई होगी।