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जिले की मंडी में लगे बाजरे के ढ़ेर, 1,13,993 क्विंटल बाजरा पहुंचा मंडी, 10% भी नहीं हुई खरीद

चरखी दादरी

चरखी दादरी में किसानों के प्रदर्शन और सख्त रुख अपनाने के बावजूद बाजरा खरीद प्रक्रिया गति नहीं पकड़ पा रही है। खरीद धीमी होने का आलम ये है कि वीरवार दोपहर बाद तक अनाजमंडी में कुल 1,13,993 क्विंटल बाजरा की आवक हुई है, जबकि एजेंसी 10 प्रतिशत भी बाजरा नहीं खरीद पाई है।

संख्या की बात करें तो अब तक 4,346 किसान बाजरा लेकर मंडी पहुंचे हैं और इनमें से महज 350 किसान ही अब तक अपनी उपज बेच पाए हैं।

बाजरा बिक्री को लेकर किसान परेशान

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जिले में बाजरा बिक्री को लेकर किसानों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बार की बात करें तो जिले में 45,638 किसानों ने 1,84,880 एकड़ में बाजरे की बिजाई की थी। इस बार करीब 14.80 लाख क्विंटल बाजरे की औसत पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

पिछले पांच दिनों की स्थिति देखें तो नई अनाज मंडी में बाजरे की आवक लगातार बढ़ती जा रही है जबकि खरीद की रफ्तार बेहद धीमी है। यदि अनाज मंडी में इसी गति से खरीद की गई तो मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत सभी किसानों की उपज खरीदने में एजेंसी को करीब 150 दिन का समय लगेगा।

एंट्री को लेकर किसान व पुलिसकर्मी आपस में उलझे

वीरवार को भी किसान सुबह पांच बजे ही आकर लाइनों में लग गए थे। इसके बाद मंडी में एंट्री को लेकर किसान एवं पुलिसकर्मी दिनभर आपस में उलझते रहे। पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं बनाने के लिए 20 से अधिक पुलिस कर्मचारियों की मंडी में तैनाती की गई।

अधिकारियों की ओर से दोपहर एक बजे खरीद शुरू की गई जिसके कारण किसानों की चिड़िया रोड और दिल्ली रोड पर करीब आधा किलोमीटर लंबी लाइनें लग गईं। किसानों का कहना है कि लाइनों में लगना उनकी मजबूरी बन गई है। पहले खाद के लिए, फिर पंजीकरण के लिए, अब मंडी में टोकन लेने से उपज बिक्री के लिए लाइनों में लगकर घंटों खपाने पड़ रहे हैं।