हरियाणा के भाजपा सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने एक बार फिर भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) गठबंधन पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा है कि जनता जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को या तो अपनी पार्टी को समर्थित करना चाहिए या फिर गठबंधन से बाहर निकलना चाहिए।
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके 52 साल से ज्यादा के राजनीतिक अनुभव के बावजूद, यदि फैसला करना होता तो उन्हें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए था। उन्होंने जताया कि भाजपा को हरियाणा में किसी और से सहारा नहीं चाहिए, क्योंकि गठबंधन के समय के हालात अब बिल्कुल बदल चुके हैं। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अपने परिवार के राजनीतिक सफर को बताते हुए कहा कि उनके पिताजी भी राजनीति में थे और वह खुद पहले उचाना से 5 बार विधायक रह चुके हैं, जहां से उनकी पत्नी भी विधायक रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव हारना भी उनका अनुभव है, लेकिन राजनीति में उनके लंबे अनुभव के कारण वह कह सकते हैं कि आज भाजपा को हरियाणा में किसी और की आवश्यकता नहीं है।
10 साल बाद भाजपा खुद काफी मजबूत
उन्होंने बताया कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ किए गए गठबंधन के दौरान भाजपा को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने इसे एक मजबूत सरकार बनाने के लिए किया था। अब, 10 साल बाद, भाजपा खुद काफी मजबूत है और उनका तात्कालिक विवाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ है। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने पिछले कुछ समय से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) पर आक्रमण कर रहे हैं और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि भाजपा को अब इस पर और सहारा नहीं चाहिए।