हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शनिवार को राजस्थान के चोमू में सैनी समाज द्वारा भव्य स्वागत किया गया। नागरिक अभिनंदन एवं होली मिलन समारोह में उन्होंने समाज की एकता, भाईचारे और विकास पर जोर दिया। कार्यक्रम में मौजूद भारी जनसमूह ने मुख्यमंत्री का फूल मालाओं और पुष्प वर्षा से अभिनंदन किया। सैनी समाज ने सम्मानस्वरूप पगड़ी, शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि आप सबका है। आपने जो सम्मान की पगड़ी मेरे सिर पर रखी है, मैं इसे हमेशा ऊंचा रखूंगा। राजस्थान और हरियाणा का रोटी-बेटी का रिश्ता है और आपने जो स्नेह दिया, उसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। इस दौरान राजस्थान के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने समारोह को केवल नागरिक अभिनंदन तक सीमित न रखते हुए इसे समाज की एकता, भाईचारे और समरसता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि होली खुशियों और रंगों का पर्व है, जो हमें सिखाता है कि हम सभी भेदभाव भुलाकर एकजुट रहें। मैं मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि आपके बेटे और भाई के रूप में यहां आया हूं। आप सभी के प्रेम और आशीर्वाद से ही मैं इस मुकाम पर हूं।
उन्होंने सैनी समाज के इतिहास को संघर्ष, त्याग और प्रेम से भरपूर बताते हुए कहा कि इस समाज ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर शिक्षा, कृषि और राष्ट्र निर्माण तक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज सैनी समाज हर क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान के बेटे को हरियाणा का मुख्य सेवक बनने का अवसर दिया, इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति का उद्देश्य केवल सत्ता पाना नहीं, बल्कि समाज की सेवा करना है। सरकार को लोगों की भलाई और प्रदेश के विकास के लिए कार्य करना चाहिए, जिससे हर व्यक्ति सशक्त बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार सभी समुदायों को साथ लेकर विकास के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि तीसरे कार्यकाल में सरकार हरियाणा को तीन गुना गति से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछड़ा वर्ग के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि सरकार ने स्थानीय निकायों में सरपंच पद के लिए 5 प्रतिशत और अन्य पदों के लिए जनसंख्या के आधार पर आरक्षण सुनिश्चित किया है।







