हरियाणा में भ्रष्ट अधिकारियों की फौज में लगातार इजाफा हो रहा है। ताजा मामला यमुनानगर जिले का सामने आया है। सीएम फ्लाइंग की टीम ने वीरवार को यमुनानगर के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में छापा मार कार्रवाई की है। पहले टीम को मौके पर एसडीओ विनोद शर्मा गैरहाजिर मिले। फिर ठेकेदार ने बिल पास न करने की एवज में पैसे मांगने के गंभीर आरोप लगाए।
गौरतलब है कि हरियाणा में भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए एंटी क्रप्शन ब्यूरो के अलावा मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम लगातार प्रयासरत है। वहीं अधिकारी फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सुबह सीएम फ्लाइंग की टीम ने यमुनानगर के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में अचानक औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर एसडीओ विनोद शर्मा पहले तो गैरहाजिर पाए गए, लेकिन इसके तुरंत बाद ठेकेदार मांगेराम उन पर बड़े ही संगीन आरोप लगाए हैं। ठेकेदार का आरोप है कि अधिकारी बिल पास करने के एवज में रुपयों की मांग करता है। जिसकी शिकायत ठेकेदार ने सीएम फ्लाइंग की टीम के अधिकारियों को दी।

इस दौरान सीएम फ्लाइंग में इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा का कहना है कि एसडीओ की ओर से बिल पास करने की एवज में सुविधा शुल्क मांगा जाता है। इससे पहले भी विनोद शर्मा ने 7 लाख के बिल पास करने के लिए 20 हजार रुपये लिए थे। अब फिर से बिलों को अटका दिया गया था।

इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा का कहना है कि जब टीम मौके पर पहुंची तो एसडीओ विनोद शर्मा मौके पर नहीं मिले। लेकिन जब हमने उनकी ऑनलाइन हाजिरी की जांच की तो दो कर्मचारी फिल्ड में काम करते पाए गए। जबकि एसडीओ विनोद शर्मा नदारद नजर आया। इसके अलावा एक ठेकेदार ने उन पर बिल पास करने के एवज में पैसे मांगने के आरोप लगाया है। जिसकी शिकायत विभाग के एक्सईएन और विभाग के अधिकारियों को भेज दी गई है।

इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ विनोद शर्मा ने ठेकेदार मांगेराम और सीएम फ्लाइंग के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बता दें कि करीब 4 घंटे चली मुख्यमंत्री उड़ानदस्ते की टीम ने एसडीओ की कार्यप्रणाली पर ना सिर्फ सवाल उठाए हैं, बल्कि कई गंभीर आरोप भी उन पर लगे हैं। बता दें कि एसडीओ विनोद शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सरकार ने उन्हें 1 साल की एक्सटेंशन पर रखा हुआ है। अब लोगों में चर्चा है कि क्या एसडीओ पर गाज गिरेगी या नहीं।
