सीएम फ्लाइंग ने मारा नकली दवाईयों के गोदाम पर छापा, करीब सवा लाख नकली टेबलेट और कैप्सूल बरामद

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कालका के अंतर्गत पिंजौर में ग्रीन वैली काॅलोनी के एक मकान पर सीएम फ्लाइंग की टीम ने छापा मारकर एक नामी कंपनी की नकली दवाइयां बनाते चार लोगों को पकड़ा है। सीएम फ्लाइंग की टीम ने गुप्त सूचना पर धर्मपुर कांगूवाला रोड स्थित मकान से करीब सवा लाख नकली टेबलेट और कैप्सूल बरामद किए हैं। जिनकी कीमत करीब 15 लाख रुपये बताई जा रही है।
सीएम फ्लाइंग की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्रीन वैली घाटीवाला स्थित एक मकान में नकली दवाइयां बनाई जा रही हैं और यह दवाइयां आसपास के क्षेत्र में सप्लाई की जाती हैं।

सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची और मकान के अंदर जाकर देखा तो एक बड़े हॉल में मशीनें और दवाइयों के बड़े-बड़े डिब्बे रखे थे। डिब्बों पर एटूजेड विटामिन की कैप्सूल, पैनडी एलकेम हेल्थ साइंस नामक कंपनी के टेबलेट रखे थे। मौके से पुलिस ने मालिक सहित तीन कारिंदों को काबू किया है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने धर्मपुर कांगूवाला रोड पर गांव रामसर के समीप एक दुकान में गोदाम बना रखा है। जहां पर ड्रम के अंदर बोरियों में भरकर गोलियां रखी गईं हैं। टीम द्वारा आगामी जांच पिंजौर थाना पुलिस को सौंप दी गई है।

करीब 15 लाख रूपए बताई जा रही दवाईयों की कीमत

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सीएम फ्लाइंग की टीम ने गुप्त सूचना पर धर्मपुर कांगूवाला रोड स्थित मकान से करीब सवा लाख नकली टेबलेट और कैप्सूल बरामद किए हैं। इनकी कीमत करीब 15 लाख रुपए बताई जा रही है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने धर्मपुर कांगूवाला रोड पर गांव रामसर के समीप एक दुकान में गोदाम बना रखा है। जहां पर ड्रम के अंदर बोरियों में भर कर गोलियां रखी गईं हैं। आगामी जांच पिंजौर थाना पुलिस को सौंप दी गई है। पिंजौर थाना एचएचओ कर्मबीर सिंह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है।

कमरे में बनाई जा रही थी अवैध रूप से दवाईयां

टीम को करीब सवा लाख नकली टेबलेट और कैप्सूल बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार हिमशिखा पिंजौर निवासी अमित दुआ नकली दवाई कंपनी चला रहा था। कमरे में अवैध रूप से दवाइयां बनाई जा रहीं थीं। मौके से दो तरह की दवाइयां बनती मिली हैं। इसमें एक कैप्सूल पैनडी और एक एटूजेड कैप्सूल बनता पाया गया, जोकि एक नामी कंपनी एलकेम के नाम से बनाया जा रहा था।

पड़ोस में रह रहे लोगों को भी नहीं थी भनक

आरोपी के पास दवाइयां बनाने का न तो कोई लाइसेंस है, न ही कोई उपकरण हैं। मौके से बैच कोडिंग मशीन, फॉइल पैकिंग मशीन सहित अन्य मशीनरी भी मिली है। मौके से ड्रग इंस्पेक्टर को भी सूचना दी गई। रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रही इस नकली दवाई कंपनी का पड़ोस में रह रहे लोगों को भनक तक नहीं थी। लोगों ने बताया कि मकान में अक्सर ताला लटका रहता था।

नकली दवा खाने से पेट में हो सकती है दिक्कत

हरियाणा स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा ने बताया कि एंटासिड की 1.15 लाख गोलियां पकड़ी गई हैं। इन दवाओं की कीमत 15 लाख रुपए बताई गई है। इसकी नकली दवा खाने से व्यक्ति को पेट में दिक्क्त हो सकती है। पेट में अल्सर के इलाज, पेट फूलने और एसिडिटी से राहत के लिए इस दवा का इस्तेमाल होता है। नकली दवा खाने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस दवा के सैंपल भेजे गए हैं, अगर यह नकली पाए जाएंगे तो आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।