भगत सिंह स्मारक कामरेड टीका राम सखुन सभागार पानीपत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की हरियाणा राज्य कौंसिल की मीटिंग वरिष्ठ भाकपा नेता कामरेड आर.एन. सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में सीपीआई के राज्य सचिव कामरेड दरियाव सिंह कश्यप ने वर्तमान हालात पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रुप से 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल का आह्वान किया है।
उपरोक्त महत्वपूर्ण विरोध कारवाई एक खास पृष्ठभूमि में होने जा रही हैं। उन्होने कहा कि केंद्र की मौजूदा कार्पोरेट परस्त -सांप्रदायिक सरकार ने किसान आंदोलन के निलंबन के समय पर किये गये वायदों पर विश्वासघात किया है। वह श्रमिकों पर लेबर कोड थोप कर उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने पर आमादा है। युवाओं को करोड़ों रोजगार देने का वादा करके उनसे ठगी की है। कामरेड कश्यप ने कहा कि नई शिक्षा नीति लाकर शिक्षा के सांप्रदायिकरण व व्यापारिकरण करके बुनियादी ढांचे को तहस नहस करने का काम हो रहा है। धर्म और राजनीति का निकृष्टतम घालमेल करके संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को तिलांजलि दे डाली है। संसदीय जनतंत्र को खत्म करने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

जींद में आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय रैली
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार व राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एवं नीतिगत बदलाव के लिए आगामी 25 फरवरी को जींद में सीपीआई व सीपीएम की ओर से राज्य स्तरीय रैली आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस रैली को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्कसवादी ) के महासचिव कामरेड सीता राम येचूरी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय सचिव कामरेड अमरजीत कौर मुख्य वक्ता के तौर पर सम्बोधित करेंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में 16 फरवरी को राष्ट्रीय हड़ताल को सार्थक समर्थन देने का फैसला किया गया। सीपीआई एवं सीपीएम की 25 फरवरी को जींद में होने वाली संयुक्त राज्य स्तरीय रैली में भारी संख्या में किसानों, मजदूरों, महिलाओं एवं अन्य मेहनतकश जनता को शामिल करने का निर्णय लिया गया। बैठक में राज्य सह सचिव सत्येन्द्र गिरि एडवोकेट, राज्य कार्यकारिणी सदस्य धर्मपाल सिंह चौहान एडवोकेट, राम रतन एडवोकेट, अरुण कुमार शक्करवाल, पवन कुमार सैनी एडवोकेट, प्रेम सिंह बुढाखेडा़, जय नारायण सैनी, राजबीर सिंह दूहन, मिथलेश कुमार, बीर सिंह, सतपाल सरोवा, राज्य कंट्रोल कमीशन के सदस्य कामरेड मामचंद सैनी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

