Villagers surrounded BJP leader Kuldeep Bishnoi

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव, दो कार्यकारिणियों के बीच उठापटक

हरियाणा चंडीगढ़ राजनीति हिसार

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में गहराता टकराव अब दो गुटों को आमने-सामने ला रहा है। पूर्व संरक्षक कुलदीप बिश्नोई द्वारा 29 सदस्यीय चुनाव कमेटी की घोषणा के दो दिन बाद मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने नई कार्यकारिणी घोषित कर दी, जिससे महासभा में तनाव बढ़ गया है।

कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बूड़िया के समर्थक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। समाज के वरिष्ठ लोग इस टकराव को बिश्नोई समाज के लिए हानिकारक मानते हैं।

बैठकों के बाद कुलदीप का संरक्षक पद खत्म
प्रधान बूड़िया ने कुलदीप पर विधायक रणधीर पनिहार की मदद से उन्हें बंधक बनाने और इस्तीफे के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद मुकाम धाम में बैठक हुई, जिसमें कुलदीप बिश्नोई का संरक्षक पद समाप्त कर “बिश्नोई रत्न” वापस ले लिया गया।

कुलदीप का पलटवार: नई कमेटी और इस्तीफा
कुलदीप ने 29 सदस्यीय कमेटी बनाकर चुनाव कराने का ऐलान किया और खुद संरक्षक पद से इस्तीफा देकर मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को संरक्षक नियुक्त कर दिया।

बूड़िया का जवाब: नई कार्यकारिणी की घोषणा
बूड़िया ने कुलदीप की घोषणा को दरकिनार करते हुए नई कार्यकारिणी बनाई, जिसमें राजस्थान के जोधपुर से 9 लोगों को शामिल किया गया। इस पर कुलदीप समर्थकों ने आरोप लगाया कि यह चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश है।

सदस्यता अभियान और आगे की राह
प्रधान बूड़िया ने 1 जनवरी से 31 मार्च तक राष्ट्रीय स्तर पर सदस्यता अभियान चलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद समाज को मजबूत करने के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।

क्या टकराव का अंत होगा?
कुलदीप समर्थकों का कहना है कि नई कार्यकारिणी में निष्पक्षता की कमी है, जबकि बूड़िया गुट इसे समाजहित में लिया गया कदम बता रहा है। बिश्नोई महासभा में यह विवाद आने वाले दिनों में और गहरा सकता है।

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