कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने चुना 4 करोड़ का कैश इनाम

कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने चुना 4 करोड़ का कैश इनाम

हरियाणा

● कांग्रेस विधायक बनीं विनेश फोगाट ने चुना 4 करोड़ का कैश अवॉर्ड
● हरियाणा सरकार ने दिया था नौकरी, प्लॉट या नकद इनाम का विकल्प
● सरकार की घोषणा में देरी पर बजट सत्र में उठाया था सवाल


Vinesh Phogat Reward: ओलंपिक में मामूली तकनीकी गलती से मेडल से चूकीं अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान और अब कांग्रेस विधायक बनीं विनेश फोगाट ने आखिरकार हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए तीन विकल्पों में से 4 करोड़ रुपये का नकद इनाम चुन लिया है। इस बात की पुष्टि खेल विभाग को फोगाट ने स्वयं कर दी है।

दरअसल, पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था, जिससे वे अयोग्य घोषित कर दी गईं। इसके बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें रजत पदक विजेता के बराबर सम्मान देने की घोषणा की थी। लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी न तो पुरस्कार मिला और न ही कोई आधिकारिक फैसला आया।

Whatsapp Channel Join

बजट सत्र के दौरान विनेश फोगाट ने विधानसभा में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा था कि सरकार उन्हें तीन विकल्प दे रही है—सरकारी नौकरी, प्लॉट या नकद राशि—और वे इनमें से एक विकल्प चुन सकती हैं।

अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनेश ने चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार लेना तय किया है। उनके इस फैसले के बाद अब खेल विभाग इस पर औपचारिक कार्रवाई करेगा।

गौरतलब है कि 8 अगस्त 2024 को विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 6 सितंबर 2024 को कांग्रेस में शामिल हो गईं। जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 6,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।

सरकार द्वारा दिए गए विकल्पों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने सोशल मीडिया पर भी विनेश को “भारत की गौरव बेटी” बताया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार अपनी खेल नीति के तहत फोगाट को सभी अधिकार देगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी हों।

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर हरियाणा में खेल नीति और खिलाड़ियों के सम्मान को लेकर हो रही राजनीति को उजागर कर दिया है। एक तरफ सरकार अपने वादों को निभाने में समय ले रही है, वहीं विपक्ष इन मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहा है।

विनेश फोगाट ओलंपिक मेडल से भले ही चूक गईं, लेकिन उन्होंने खेल सम्मान के सवाल को विधानसभा से लेकर मीडिया तक पूरे जोर से उठाया। यह दिखाता है कि अब खिलाड़ी केवल मैट या मैदान तक सीमित नहीं हैं—वे नीतिगत मंचों पर भी बराबरी से खड़े हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में स्पष्ट किया था कि कांग्रेस विधायक बनने के बावजूद विनेश को राज्य की खेल नीति के तहत वह सम्मान दिया जाएगा जो रजत पदक विजेता को मिलता है—सरकारी नौकरी, प्लॉट या नकद पुरस्कार। फोगाट ने इस पर न केवल त्वरित प्रतिक्रिया दी बल्कि कैश विकल्प का चुनाव कर यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे अब “क्लासिकल इनाम” नहीं, बल्कि “क्लियर ट्रांजैक्शन” की नीति पर चलेंगी।

यह मामला महज खेल सम्मान का नहीं, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच खिलाड़ियों को लेकर बनती रणनीतियों का भी आइना है। फोगाट के इस निर्णय को कांग्रेस अपनी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘महिला सशक्तिकरण’ नीति की सफलता के रूप में प्रचारित कर सकती है, वहीं भाजपा सरकार इसे ‘खेलों के लिए प्रतिबद्धता’ का प्रमाण बताएगी।

हालांकि, विनेश का यह कदम सरकार के लिए एक राजनीतिक दबाव भी है। ओलंपिक में तकनीकी गलती से चूकीं फोगाट को देशभर से सहानुभूति मिली थी। ऐसे में उन्हें सम्मान देना भाजपा सरकार के लिए नैतिक और रणनीतिक—दोनों दृष्टियों से आवश्यक बन गया था।

राजनीतिक रूप से यह प्रकरण यह भी दर्शाता है कि हरियाणा में खेल और राजनीति का गठजोड़ कितना गहरा होता जा रहा है। आने वाले समय में यह रुझान और तेज़ होगा—जहां पदक से चूके खिलाड़ी भी सत्ता की कुर्सियों तक पहुंचते दिखाई देंगे।