कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र और Delhi में विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद अपनी खामियों को सुधारने की कोशिश में जुटी है। पार्टी उन राज्यों में संगठनात्मक बदलावों पर विचार कर रही है, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा। इसी क्रम में हरियाणा कांग्रेस भी बदलाव के दौर से गुजरने वाली है। बुधवार, 5 मार्च को दिल्ली में राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।
दिल्ली बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी
यह बैठक दोपहर 2 बजे होगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता हिस्सा लेंगे। बैठक में हरियाणा में हुड्डा परिवार के प्रभाव को लेकर चर्चा की जाएगी, और पार्टी के नेतृत्व में कुछ बदलावों की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी गैर-जाट समुदायों के नेताओं को भी संगठन में जगह देने की योजना बना रही है, ताकि हरियाणा में पार्टी का आधार मजबूत हो सके।
हुड्डा परिवार की भूमिका पर सवाल
कांग्रेस पार्टी हरियाणा में सिर्फ हुड्डा परिवार पर निर्भर रहने के बजाय राज्य में विभिन्न जातियों और समुदायों को समुचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास कर रही है। हालांकि, हुड्डा परिवार के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त करने की योजना नहीं है, बल्कि पार्टी का उद्देश्य विभिन्न घटकों को साझा नेतृत्व में शामिल करना है।
राहुल गांधी की जाति आधारित प्रतिनिधित्व नीति
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस जाति आधारित प्रतिनिधित्व पर जोर दे रही है, जिसके तहत हर समुदाय को उसकी आबादी के हिसाब से प्रतिनिधित्व मिलेगा। पार्टी को हरियाणा में कुछ नए चेहरे चाहिए, जो राहुल गांधी के विचारों के अनुसार काम कर सकें।
महिला नेतृत्व को भी मिल सकता है अवसर
बीके हरिप्रसाद, जो हाल ही में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बने हैं, ने महिला नेताओं को वरीयता देने की बात की है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी SC/ST और OBC वर्ग को 50% आरक्षण देती है और पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण देती है, जिससे पार्टी अपने आधार को और मजबूत कर सकती है।
दिल्ली बैठक का एजेंडा
बीके हरिप्रसाद ने स्पष्ट किया कि इस बैठक का उद्देश्य किसी को बाहर करना नहीं है, बल्कि पार्टी के भीतर नए चेहरों को जोड़ने और संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कांग्रेस का लक्ष्य हरियाणा में पिछले तीन चुनावों से बाहर रहने के बाद अब अपनी स्थिति को मजबूत करना है।
हुड्डा और अन्य नेताओं के भविष्य पर निर्णय
बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भविष्य पर भी फैसला लिया जाएगा। क्या वह विपक्ष के नेता के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगे या नहीं, इसका निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। साथ ही, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नए नामों पर भी विचार हो सकता है।
कांग्रेस के लिए भविष्य की रणनीति
पार्टी की रणनीति जातीय समीकरणों के हिसाब से विपक्ष के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के नामों का चयन करना हो सकती है। इस बैठक के बाद संगठनात्मक स्तर पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, जो आने वाले चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।