Panipat Municipal Elections: विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़े विजय जैन ने हरियाणा के पानीपत नगर निगम का चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए कांग्रेस को हाईवोल्टेज झटका दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि जैन कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगें। लेकिन उन्होंने विस चुनावों का बदला लेते हुए ऐन मौके पर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। बताया गया है कि अपने सभी 26 वार्डों के कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श किया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
क्यों टूटा कांग्रेस का भरोसा?
विजय जैन और उनके समर्थक इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया था। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस बार भी उन्हें कांग्रेस की टिकट पर मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने को कहा जाता है, तो जीतने के बावजूद वे शहर में विकास कार्य नहीं करवा पाएंगे क्योंकि राज्य में बीजेपी की सरकार है। इससे जनता में भी असंतोष रहेगा।
यह घटनाक्रम पानीपत नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं को कमजोर कर सकता है, क्योंकि विजय जैन का बड़ा जनाधार है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस नए उम्मीदवार के रूप में किसे उतारती है और क्या वह पार्टी के लिए मजबूत प्रत्याशी साबित होंगे या नहीं।
बीजेपी की कानूनी तैयारी तेज
इधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनावी रणनीति को और मजबूत करते हुए अपनी लीगल टीम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने 15 वरिष्ठ वकीलों की एक कानूनी टीम बनाई है, जो नामांकन प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने में उम्मीदवारों की मदद करेगी।
इसके अलावा, यह टीम चुनावी अनियमितताओं पर नजर रखेगी और जहां भी चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन होगा, वहां तुरंत कार्रवाई करेगी। पानीपत बीजेपी जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट ने इस टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
ये वकील बीजेपी पैनल में शामिल
बीजेपी ने अपनी लीगल टीम में कई वरिष्ठ वकीलों को शामिल किया है, जिनमें एडवोकेट जसबीर राठी, एडवोकेट अनिल लठवाल, एडवोकेट चेतन्य अरोड़ा, एडवोकेट दीपक ज्येष्ठ, एडवोकेट अजीत दहिया, एडवोकेट मनोज शर्मा, एडवोकेट समीर नंदा, एडवोकेट तमन्ना सेठी, एडवोकेट पवन खुराना, एडवोकेट सौरव अनेजा, एडवोकेट विजय मुकेश भाटिया, एडवोकेट विनीत कड़वल, एडवोकेट सुनील वधवा, एडवोकेट सचिन भाटिया और एडवोकेट कर्मदीप दुरेजा शामिल हैं।