Criticism of AAP leader Tanwar joining BJP

AAP नेता तंवर के बीजेपी में शामिल होने की आलोचना, सांसद सुनीता दुग्गल पहुंची दिल्ली, Sirsa टिकट पर चर्चाएं

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हरियाणा के सिरसा से लोकसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी की नेता सुनीता दुग्गल ने हाल ही में नई दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब से मुलाकात की हैं। इस मुलाकात का महत्वपूर्ण कारण है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में सुनीता दुग्गल की टिकट पर चर्चाएं हैं और हरियाणा में आम आदमी पार्टी के नेता अशोक तंवर का भी बीजेपी में शामिल होने की आलोचना रही है।

इस मुलाकात के दौरान सुनीता दुग्गल ने बिप्लब देब के साथ आपसी सहमति पर चर्चा की और पार्टी के आगे के कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया। इस समय की बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं, जो आने वाले चुनाव में एक क्रियाशील भूमिका निभा सकते हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में सिरसा से सुनीता दुग्गल की टिकट पर चर्चा हो रही है, क्योंकि हरियाणा में बीजेपी की स्थिति कुछ कमजोर है। एक सर्वे के अनुसार वर्ष 2019 में जब पूरे देश में बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं, तो हरियाणा के कुछ हलकों में उनकी स्थिति कमजोर थी। सिरसा और रोहतक जैसे क्षेत्रों में भी समस्याएं थीं। इसके अलावा सुनीता दुग्गल के सांसदीय क्षेत्र में वोटरों के साथ संवाद की कमी भी एक मुद्दा है। लोग कह रहे हैं कि 2019 में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने क्षेत्र में धन्यवादी दौरे नहीं किए और वोटरों के साथ सीधा संवाद नहीं किया। सिरसा का इलाका हार्डकोर किसानों की बेल्ट है, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान सुनीता दुग्गल की भूमिका से किसानों में नाराजगी है।

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पूर्व आईपीएस अधिकारी वी. कामराज भी एक्टिव

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सुनीता दुग्गल की ओर से नौकरशाह वाले रवैये के बारे में भी आलोचना है। इलाके के भाजपा कार्यकर्ताओं और वोटरों के बीच भी वहां की सांसद का रवैया एक मुद्दा बन गया है। बीते पांच वर्षों में उन्होंने अपने क्षेत्र में कोई ऐसा बड़ा काम नहीं किया है, जिससे वह वोटरों के बीच अपनी उपलब्धियों को दिखा सकें। सिरसा संसदीय क्षेत्र में इस समय पूर्व आईपीएस अधिकारी वी. कामराज भी एक्टिव हैं और वह भी बीजेपी टिकट के दावेदार हैं। यदि आपसी सहमति होती है, तो अशोक तंवर भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं और वह भी सिरसा से टिकट दिया जा सकता है।

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कोरोना-किसान आंदोलन के कारण नहीं किए दौरे

इन सभी चुनौतियों के बीच सुनीता दुग्गल ने पार्टी के सीनियर नेताओं से संपर्क साधना शुरू किया है और उन्होंने बिप्लब देब से हुई मुलाकात को एक कदम माना है जिससे वह अपनी सीट बचा सकती हैं। सुनीता दुग्गल ने बताया है कि उन्होंने हमेशा से लोगों के लिए काम किया है और उनका टिकट काटने का निर्णय लोगों के हित में है। उनके अनुसार कोरोना और किसान आंदोलन के कारण उन्होंने अपने क्षेत्र में धन्यवादी दौरे नहीं किए।

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चुनावी यात्रा में भी पार्टी एकजुट रहेगी : बिप्लब

इस मुलाकात के बाद बिप्लब देब ने कहा कि पार्टी के आगे के कार्यक्रमों की चर्चा हुई और सुनीता दुग्गल के साथ मिलकर यह सुनिश्चित हुआ है कि चुनावी यात्रा में भी पार्टी एकजुट रहेगी। सिरसा संसदीय क्षेत्र में चुनौतियों के बावजूद यह मुलाकात सुनीता दुग्गल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें अपनी सीट बचाने के लिए उचित रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।