Sirsa में मुख्यमंत्री नायब सैनी के कार्यक्रम(CM Saini’s program) के दौरान बिजली गुल(Darkness prevailed) हो गई, जिससे करीब 4 मिनट तक मुख्यमंत्री सैनी और बिजली मंत्री(power minister) रणजीत चौटाला अंधेरे में बैठे रहे। इसके बाद जनरेटर चालू किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पहुंचे थे।
कार्यक्रम में कालांवाली विधानसभा से 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भाजपा का पटका पहनाकर देसूजोधा को पार्टी में शामिल किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मौके पर कहा कि जब वे प्रदेशाध्यक्ष बने थे, तब उन्होंने देसूजोधा से संपर्क किया था। देसूजोधा उनके पुराने मित्र हैं। आज वह अपने साथियों के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री ने उनका धन्यवाद किया। दूसरी ओर भाजपा में शामिल होने के बाद देसूजोधा ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा पार्टी को अपनी मां माना है और उनका मन हमेशा पार्टी के प्रति सकारात्मक रहा है। चाहे वे पार्टी में थे या नहीं थे, मगर कुछ हालात ऐसे बने कि वे पार्टी से दूर चले गए।

देसूजोधा ने स्पष्ट किया कि वे टिकट के लिए भाजपा में नहीं आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तारीफ करते हुए कहा कि 2014 में कालांवाली से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बावजूद उन्होंने जो भी कार्यों के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र दिए, वे सारे काम हुए। बता दें कि पांच साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देसूजोधा का टिकट काट दिया था और उन पर नशा तस्करों की मदद करने का आरोप लगाया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खट्टर का यह फैसला पलटते हुए देसूजोधा को फिर से पार्टी में शामिल किया है।
ऐसे नेता का नहीं करेंगे स्वागत
देसूजोधा की भाजपा में एंट्री से कालांवाली से भाजपा के पूर्व विधायक बलकौर सिंह नाराज हो गए हैं। बलकौर सिंह ने कहा कि खट्टर एक संत पुरुष हैं और उन्होंने ही देसूजोधा पर नशा तस्करों की मदद के आरोप लगाए थे, लेकिन अब भाजपा देसूजोधा को फिर से पार्टी में ला रही है, जो गलत है। बलकौर सिंह ने कहा कि वे कभी ऐसे नेता का स्वागत नहीं करेंगे और नायब सैनी के कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। देसूजोधा भाजपा छोड़कर अकाली दल में चले गए थे और फिर अकाली दल को भी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।

नशे के खिलाफ करेंगे काम
देसूजोधा ने खट्टर के पहले दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कभी नशा तस्करों की मदद नहीं की। देसूजोधा का गांव नशे के लिए बदनाम है, लेकिन उन्होंने कभी किसी नशा तस्कर के लिए फोन तक नहीं किया। देसूजोधा ने कहा कि वे चार भाई हैं और तीन भाइयों के रिश्ते चौथे से नहीं हैं, जो गांव में रहता है। कालांवाली के विकास के लिए उनकी घर वापसी हो रही है और वे नशे के खिलाफ इतने काम करेंगे कि डबवाली-सिरसा के युवाओं को रोजगार, खेल और शिक्षा के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।
खट्टर ने दिया था बलकौर को टिकट
भाजपा को देसूजोधा की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में देसूजोधा का टिकट खट्टर ने काटकर बलकौर सिंह को दे दिया था। कालांवाली आरक्षित सीट है। टिकट कटने पर देसूजोधा ने भाजपा छोड़कर अकाली दल जॉइन कर लिया और अकाली ने देसूजोधा को टिकट दे दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला को 53059 वोट मिले थे, जबकि अकाली उम्मीदवार राजेंद्र देसूजोधा को 33816 वोट मिले और भाजपा के बलकौर सिंह तीसरे स्थान पर रहे, जिनको 30134 वोट मिले। भाजपा के पास कालांवाली में कोई बड़ा चेहरा नहीं था।