हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव जुआ में गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिसके चलते स्कूल के गेट पर छात्राओं ने ताला जड़ दिया है। गांव जुआ के ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में छात्राओं को किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। चाहे वो वॉशरूम की बात हो या फिर प्री बोर्ड एग्जाम के क्वेशन पेपर की।
ग्रामिणों का कहना है कि बच्चियों के प्री बोर्ड एग्जाम के लिए स्कूल प्रशासन ने उनसे 1000 रुपये की राशि ली है जिसके बाद भी उसने प्री बोर्ड एग्जाम में छात्राओं को प्रिंटेड एग्जाम भी उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। बल्कि क्लासरूम में छात्राओं को बोर्ड पर क्वेशन पेपर नोट करवाया जाता है। जिसे शीट पर लिखने में छात्राओं को काफी समय लग जाता है।

3 घंटे के एग्जाम में लगते है 4 से 5 घंटे
छात्राओं का कहना है कि उन्हें 3 घंटे का एग्जाम देने में 4 से 5 घंटे लग जाते हैं। उनका कहना है कि प्रिंसिपल छात्राओं को एग्जाम सामग्री उपलब्ध नहीं करवाती। उनका कहना है कि उनसे एग्जाम की फीस लेने के बाद भी स्कूल की प्रिंसिपल उनके लिए प्रश्न पत्र नहीं छपवाती और ना ही उन्हें पेपर करने के लिए उत्तर पत्रिका मिलती है।

छात्राओं का कहना है कि बोर्ड पर प्रश्न लिखे जाते है जिसके बाद वो अपनी कॉपियों में उन प्रश्नों को उतारती है जिसमें उन्हें बहुत ज्यादा समय लग जाता है। साथ ही उन्हें उत्तर लिखने के लिए भी स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई सामग्री नहीं मिलती। उनका कहना है कि उन्हें खुद की कॉपियों से पेज फाड़कर पेपर पूरा करना पड़ता है। स्कूल की छात्राओं का कहना है कि या तो प्रिंसिपल अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाए या फिर उनका यहां से तबादला कर दिया जाए।

बच्चों के अभिभावकों पर लगाती है शराब पीकर आना का आरोप
वहीं छात्राओं के अभिभावको का आरोप है कि स्कूल के टॉयलेट पर दरवाजे भी नहीं हैं पानी की भी व्यव्सथा नहीं है। ग्रामिणों का कहना है कि जब भी वो प्रिंसिपल से किसी दस्तावेज पर साइन करवाने के लिए जाते है तो वो उनपर साइन नहीं करती बल्कि उनपर शराब पीकर आने के आरोप लगाती है। जिसके चलते उन्हें ऑफिस में एंट्री ही नहीं करने दी जाती है।

प्रिंसिपल के तबादले की ग्रामीण और छात्र कर रहे मांग
ग्रामिणों का कहना है कि पहले भी स्कूल पर कई बार अव्यवस्थाओं को लेकर ताला जड़ा जा चुका है। जिला शिक्षा विभाग को इसको लेकर शिकायत भी सोंपी गई थी जिसपर उन्हें 2 दिसंबर तक प्रिंसिपल का तबादला करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन प्रिंसिपल का तबादला नहीं हुआ। अब ग्रामीण और बच्चे प्रिंसिपल के तबादले की मांग उठा रहे हैं।