दिल्ली के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) के लापता अधिवक्ता बेटे लक्ष्य चौहान का शव 5 दिन बाद रविवार शाम हरियाणा में जिला सोनीपत-पानीपत के बीच गन्नौर के पास खुबडू झाल नहर से बरामद किया गया है। इससे पहले दिल्ली सहित अन्य गोताखोरों की टीमें पानीपत से गुजर रही मूनक नहर में लगातार सर्च अभियान चला रही थी। रविवार शाम को लक्ष्य का शव पानीपत के समालखा कस्बे के पास से नहर में मिला।
गौरतलब है कि मृतक के पिता यशपाल सिंह दिल्ली के स्पेशल स्टाफ में तैनात हैं। बताया जा रहा है कि दोस्तों ने 23 जनवरी को पैसों के लेन-देन के चलते लक्ष्य चौहान की हत्या कर दी थी। खुबडू झाल चौकी पुलिस ने कार्रवाई के बाद लक्ष्य के शव को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस और परिजन शव को दिल्ली ले गए। बता दें कि वारदात के बाद दिल्ली पुलिस ने फरार मुख्य आरोपी विकास भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने उधार में लिए पैसे वापस नहीं देने पर लक्ष्य की हत्या करने की बात कबूल की है। दोस्तों ने ही पैसों के लेन-देन के चलते लक्ष्य चौहान की हत्या की थी। दोस्तों ने 23 जनवरी को पानीपत के जाटल रोड स्थित नहर में लक्ष्य को धक्का दे दिया था। दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीम एक साथ मिलकर लक्ष्य की तलाश में जुटी थी। अब पुलिस मुख्य आरोपी से जानना चाहती है कि लक्ष्य ने उससे कब और कितने रुपये लिए थे। हत्याकांड में उसके साथ और कितने लोग शामिल हैं।
वहीं रिमांड के दौरान अभिषेक ने पुलिस को बताया है कि वह लक्ष्य से नहीं जानता था। उसने विकास के कहने पर ही षड्यंत्र के तहत इस वारदात को अंजाम दिया। अभिषेक का कहना है कि तीस हजारी कोर्ट में एक वकील के साथ मुंशी का काम करने वाला विकास भारद्वाज उसका दोस्त है। विकास ने उसे तीस हजारी कोर्ट में ही अधिवक्ता लक्ष्य के रुपये न लौटाने की बात कहीं थी। इसके बाद उन्होंने मिलकर लक्ष्य की हत्या करने की योजना बनाई थी। उधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुख्य आरोपी से पूछताछ के दौरान वारदात के कई खुलासे सामने आ सकते हैं।
यह था मामला
मिली जानकारी अनुसार दिल्ली एसीपी यशपाल सिंह चौहान अपने परिवार के साथ महिंद्रा पार्क में रहते हैं। उनका बेटा एवं अधिवक्ता लक्ष्य चौहान 22 जनवरी को अपने दोस्तों के साथ हरियाणा के जिला रोहतक में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया था। घर से निकलने के बाद वह वापस लौटकर नहीं आया। इस दौरान लक्ष्य का दोस्त विकास और अभिषेक उसके साथ थे। नरेला निवासी विकास तीस हजारी कोर्ट में मुंशी है और अभिषेक की अपनी दुकान है।
इसके बाद लक्ष्य के पिता एसीपी यशपाल सिंह दिल्ली के समयपुर बादली थाने में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया था। जब 23 जनवरी को लक्ष्य का मोबाइल बंद हुआ तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में ले लिया। अभिषेक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि लक्ष्य का शादी समारोह में कुछ दोस्तों के साथ झगड़ा हो गया था। इसके बाद वह उसे जबरन कार में बैठाकर पानीपत लाए और जाटल रोड शनि मंदिर के पास सुबह करीब साढ़े 8 बजे उसे नहर में फेंक दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मिलकर लक्ष्य चौहान की तलाश कर रही थी।