दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को सिंगल फेज में होंगे, और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे, यह जानकारी चुनाव आयोग ने दी। इससे पहले, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने 30 मिनट तक फैक्ट्स के साथ अपने बयान में स्पष्ट किया कि चुनाव में वोटर्स बढ़ाने या खास वर्ग को टारगेट करने के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।
राजीव कुमार ने कहा, “चुनावी प्रक्रिया को समाप्त करने में वक्त लगता है, और यह सब एक निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत ही होता है। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है, और इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इस कारण चुनाव प्रक्रिया 18 फरवरी से पहले ही पूरी कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
2020 के चुनाव की यादें: AAP ने मारी थी बंपर जीत!
2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव ने राजनीति के सीन को बदल दिया था। AAP ने 53.57% वोटों के साथ 62 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को महज 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रही। इस बार भी AAP ने 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं और कई नामों में बदलाव किया है। पार्टी ने 5 लिस्टों में ये नाम जारी किए हैं, जिसमें कुल 26 विधायकों के टिकट काटे गए हैं।
भा.ज.पा. ने 29 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, जिसमें कई नए चेहरे हैं। खास बात यह है कि बीजेपी ने AAP और कांग्रेस छोड़कर आए 7 नेताओं को टिकट दिया है। दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, और बीजेपी के नेताओं के बीच सीधी टक्कर होगी।
कांग्रेस ने भी किया चौंकाने वाला कदम
कांग्रेस ने सीएम आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को टिकट दिया है, और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। वहीं, मनीष सिसोदिया के सामने कांग्रेस ने फरहाद सूरी को उतारा है।
दिल्ली चुनाव में इस बार ‘विकराल’ मुकाबला, इतिहास का हिस्सा बनेगी ये जीत!
2020 के चुनाव में AAP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वह राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर चुनाव में उतरेगी। गुजरात में AAP ने शानदार प्रदर्शन किया था और राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त किया।
राजनीतिक हलचल: केजरीवाल के जेल जाने से लेकर नई सीएम की शपथ तक!
दिल्ली की राजनीति में बीते एक साल में कई बड़े बदलाव आए। CM अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति केस में जेल काटी और फिर पार्टी दफ्तर में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आतिशी ने दिल्ली की 9वीं सीएम के रूप में शपथ ली।