Kisan Andolan 2 Live Updates : किसानों के आज के दिल्ली कूच ऐलान के बाद दिल्ली पुलिस ने सोनीपत कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर दो लेयर और सुरक्षा को बढ़ा दिया है। किसान आंदोलन को लेकर पत्थर की पत्थर की बैरिकेडिंग पर चार अलग- अलग-अलग कंटीली तार लगाई गई हैं। सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर पहले बैरिकेड को कंक्रीट की 3 फुट दीवार बनाकर पक्का किया गया है। साथ ही किसानों की भांति पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्सेस के टेंट लगाए गए हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) की ओर से ऐलान किया गया है कि 22 फरवरी को तहसील स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका जाएगा।
इस बीच खबर आ रही है कि किसान जल्द ही हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान कर चुके हैं। उधर कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर 7 और टिकरी बॉर्डर पर 8 लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हर एक लेयर के बाद पक्की सीमेंट की दीवार खड़ी की गई है। बैरिकेड्स के साथ कंटीलें तार, मिट्टी से भरे कंटेनर और बड़े-बड़े पत्थर सड़क के बीचों-बीच रखकर जवानों को तैनात कर बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेतृत्व में किसान आज बुधवार को सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। इसके लिए वह सीमा पर बुलडोजर, हाइड्रोलिक क्रेन, बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनों के साथ जुट गए हैं। आंसू गैस के गोलों से बचाव के लिए बड़ी संख्या में मास्क भी हैं।

आंदोलन को लेकर किसान संगठन आपस में ही बंटे हुए नजर आ रहे हैं। उधर दिल्ली पुलिस की तरफ आंसू गैस के गोले और अन्य संसाधन का प्रबंध किया गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही पुलिस ने 30 हजार आंसू गैस के गोलों का ऑर्डर दिया था। एक महीने के लिए पहले ही धारा 144 लागू की गई है। बॉर्डर सील होने के कारण अलग-अलग हिस्सों में ट्रैफिक रूट डायवर्ट किए जा चुके हैं।

बताया जा रहा है कि अगर किसान शंभू बॉर्डर को पार करने में कामयाब हो जाते हैं तो सरकार की तरफ से किसानों को रोकने के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर शंभू बॉर्डर जैसी सुरक्षा व्यवस्था की है। बॉर्डर पर हरियाणा-दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की कई कंपनियां तैनात की गई हैं।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है, लेकिन बुधवार को हरियाणा में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। वहीं चढ़ूनी गुट ने कूच पर फैसला करने के लिए कमेटी बनाई है। उनका कहना है कि वह किसानों के साथ हैं। इसके अलावा हरियाणा की खाप पंचायतें भी मांगों का तो समर्थन करती हैं, लेकिन दिल्ली कूच को लेकर मैदान में नहीं उतरी हैं। किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने 22 तारीख के लिए तहसील स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतला का दहन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के हक में 22 फरवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में जहां-जहां भी हमारा संगठन है। सभी तहसीलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंककर प्रदर्शन किया जाएगा।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन पर जताई आपत्ति
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन किसान इन पर अमृतसर से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं। सभी अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, लेकिन संवैधानिक कर्तव्य भी हैं, उन्हें क्यों भूल जाते हैं। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में क्यों इकट्ठा होने दिया जा रहा है। पंजाब सरकार सुनिश्चित करे कि लोग बड़ी संख्या में एकत्र न हों।

हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के दिल्ली कूच में हरियाणा सरकार की अवरोधक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह टिप्पणी की। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर केंद्र को किसानों से वार्ता के परिणाम और वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका में बताया है कि हरियाणा सरकार ने सीमा सील करने के साथ कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। प्रदर्शनकारियों पर रबर पैलेट, आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने मांग की है कि सरकार एक दिन का संसद सत्र बुलाकर एमएसपी की गारंटी का बिल पेश करे।


