Haryana हरियाणा निकाय चुनाव की आस लगाए बैठे दावेदारों की उम्मीदों पर एक बार फिर निराशा के बादल मंडराने लगे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते नगर निगम चुनाव की घोषणा एक बार फिर से टलती नजर आ रही है। संभावित उम्मीदवारों की तैयारियों को भी झटका लगा है, क्योंकि राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्री दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गए हैं।
फरीदाबाद और गुरुग्राम का और बढ़ा इंतजार
फरीदाबाद में नगर निगम चुनाव 2022 में होने थे, लेकिन अब 2025 की शुरुआत में भी इनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। यही हाल गुरुग्राम नगर निगम का भी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों चुनाव की तैयारियों को गति दी थी। सभी 46 वार्डों की मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया था और आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई थी। महापौर का पद इस बार सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। इन तैयारियों को देखकर संभावित उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी।
बैनर-होर्डिंग्स और जनसंपर्क फिर ठप
उम्मीदवारों ने अपने-अपने वार्ड में बैनर-होर्डिंग लगाकर और त्योहारों की शुभकामनाएं देकर प्रचार अभियान तेज कर दिया था। सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों से जनसंपर्क भी शुरू हो गया था। कई दावेदारों ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधकर टिकट की दौड़ में अपनी जगह मजबूत करने की कोशिशें शुरू कर दी थीं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से प्रभावित हुई प्रक्रिया
राजनीतिक दलों का पूरा ध्यान फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव पर केंद्रित है। भाजपा के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनाव की तारीख पांच फरवरी और मतगणना आठ फरवरी को तय है। इसके चलते नगर निगम चुनाव मार्च-अप्रैल तक खिसकने की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के बजट सत्र और बोर्ड परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी, जिससे चुनाव की प्रक्रिया और अधिक टल सकती है।
दावेदारों की तैयारी फिर रुकी
चुनाव की अनिश्चितता ने दावेदारों की तैयारियों पर पानी फेर दिया है। प्रचार अभियान को विराम देते हुए सभी उम्मीदवार अब राज्य निर्वाचन आयोग की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि चुनावी घोषणा होते ही एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो जाएगी।