हरियाणा के यमुनानगर के गांव बंभोल में पर्यटन विभाग का इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट नाम से एक संस्थान है। इस संस्थान में 10 पक्के कर्मचारी थे। जिनकी गिनती घटकर अब 6 रह गई है। 2 डेपुटेशन पर चले गए, जबकि 2 कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने की वजह पिछले 8 महीने से वेतन न आना और सिर्फ आश्वासन के भरोसे एक उम्मीद रखना था। प्रदर्शनकारी कर्मचारी पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर से इसके लिए कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके खाते में वेतन का 1 पैसा भी नहीं आया।
इस पर मीडिया को पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जो जवाब दिया वह जितना ज्यादा सच है उससे ज्यादा कहीं पीड़ा देने वाला भी है। उनका कहना है कि यह शिक्षक मुझे मिले थे और अपने विभाग के डायरेक्टर से बात की है। इन संस्थाओं के लिए हमें विभाग से पैसा लेना पड़ता है पहले भी मैंने 30 करोड रुपए लिए थे और वेतन दिया था। हम फिर से प्रयास कर रहे हैं।
धरने पर बैठे शिक्षक वीरेंद्र का कहना है कि सरकार जितने वादे और दावे करती है शायद वह धरातल पर सच साबित नहीं होते। हरियाणा में आम आदमी पार्टी शिक्षा को लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठाती रही है। शायद उनके सवालों में वह ताकत है जो गठबंधन सरकार के जवाब में नहीं है। शिक्षक का कहना है कि इस ठिठुरती ठंड के बीच हम अपने परिवार के साथ बैठे है। हमें पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिला है। अपने परिवार का गुजर बसर कैसे कर रहे है इसकी आप कल्पनी ही कर सकते है। असल हकीकत तो हम शिक्षक जानते है। हमने यह सोचता था कि वह कौन सा दिन होगा जिस दिन हम पक्के शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य सुधारेंगे, लेकिन हम अपना खुद का वर्तमान भी नहीं सुधार पा रहे हैं। हमारी सराकार से मांग है कि जल्द-से-जल्द हमारा 8 महीने का वेतन हमें दिया जाए नहीं तो ये धरना ऐसे ही जारी रहेगा।