हरियाणा के रेवाड़ी में त्योहार के सीजन पर जल संकट बन गया है। शहर की करीब पौने 3 लाख आबादी को शुक्रवार से अगले 10 दिन तक एक दिन छोड़कर एक दिन पानी मिलेगा। नहर में पानी नहीं आने के कारण 3 माह बाद विभाग की तरफ से पानी की राशनिंग शुरू की गई है। पहले 12 नवंबर तक नहर में पानी आने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन शेड्यूल बदल जाने के कारण से अब 20 नवंबर तक पानी आने की उम्मीद है।
शहर की एकमात्र जवाहर लाल नेहरू केनाल में 27 अक्तूबर को पानी आना बंद हो गया था। इसके बाद से ही गांव कालाका में बने टैंकों से शहर में पानी की सप्लाई दी जा रही थी। दीपावली के त्योहार पर नहर में पानी आने की उम्मीद थी, लेकिन इसके बाद शेड्यूल बदल दिया गया। जिसकी वजह से विभाग को पानी की राशनिंग शुरू करनी पड़ी है।
16 दिन आएगा पानी, 24 दिन रहेगा बंद
शहर में पानी की राशनिंग करीब 3 साल से चल रही है। नहरी पानी का शेड्यूल पहले 16-16 दिन का था। यानी 16 दिन नहर में पानी आता था और 16 दिन नहर बंद रहती थी। अब 3 साल से शेड्यूल 16-24 का हो गया है। अब 16 दिन नहर में पानी आता है और 24 दिन बंद रहता है। 27 अक्तूबर को नहर में पानी आना बंद हो गया था। विभाग के शेड्यूल के अनुसार 12 नवंबर तक नहर में पानी आने की संभावना थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि 20 नवंबर तक पानी आ पाएगा।
सर्दी के सीजन में छाया जल संकट
रेवाड़ी शहर में नहरी पानी पर पेयजल सप्लाई आधारित है। नहर के पानी को कालका और लिसाना में बने वाटर टैंक में स्टोरेज किया जाता है। वहां से बूस्टिंग स्टेशन के माध्यम से शहर में पानी की सप्लाई होती है। पिछली बार मानसून में लोगों को पानी की समस्या से राहत मिली थी। इसके बाद सर्दी में भी पानी का संकट गहरा गया था। करीब 3 माह से स्थिति ठीक चल रही थी, लेकिन अब नहर में पानी आना बंद होने के कारण सर्दी के सीजन में भी जल संकट बनता दिख रहा है।
27 अक्तूबर को नहर में पानी चलना हुआ था बंद
शहर से लगते गांव कालका स्थित जलघर में बनाए गए 5 वाटर टैंकों से शहर के 70 फीसदी हिस्से में पेयजल की सप्लाई होती है, जबकि लिसाना स्थित जलघर के 2 वाटर टैंकों से 30 फीसदी हिस्से में पानी सप्लाई होता है। दोनों जलघरों से पूरे शहर को 15 से 20 दिन ही पानी सप्लाई हो सकती है। अब नए शेड्यूल के अनुसार 27 अक्तूबर को नहर में पानी चलना बंद हुआ था और 20 नवंबर को आने की संभावना है। गांव कालका में 5 और लिसाना में 2 वाटर टैंक हैं। लिसाना में अतिरिक्त वाटर टैंक का निर्माण भी पूरा हो गया हैं। शहर में अगर अतिरिक्त वाटर टैंक का निर्माण होता है तो आने वाले भविष्य में लोगों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
एक्सईएन बोले- पानी को व्यर्थ न बहाएं
जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विनय चौहान ने कहा कि पानी की राशनिंग से छुटकारा जरूर मिला है, लेकिन लोगों को भविष्य के लिए पानी बचाए रखने के लिए व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। ऐसा इसलिए ताकि नहरी पानी आने तक पेयजल सप्लाई दी जा सके। नहरी पानी भी तय शेड्यूल से अकसर देरी से ही आता है। ऐसे में व्यवस्था अभी से बनाकर रखी जानी आवश्यक है।