कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में जाने के बाद भी आदमपुर हलके का विकास की लाइन में कोई नंबर नहीं है। आदमपुर उपचुनाव में थोड़ी सी कसर रह गई थी। अगले चुनाव में उसे भी पूरा कर दिया जाएगा।
दीपेंद्र हुड्डा आदमपुर के गांव सदलपुर में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आने लगे हैं, नेताओं ने अपने जनसंपर्क में तेजी लानी शुरू कर दी है। पार्टियों के नेता लोगों से संपर्क साधने में जुट गए हैं। जनसभा के दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने कुलदीप के राजनीतिक कद पर प्रश्न उठाने हुए कहा कि कांग्रेस में कुलदीप नंबर दो के नेता होते थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें जो जगह मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। उनका जो सम्मान कांग्रेस में था, उन्हें भाजपा में वह सम्मान नहीं मिला। जिसका उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर में बार-बार उपचुनाव करवाएं।
स्वार्थ के लिए पिता की राजनीति को पहुंचाया नुकसान
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई ने अपने स्वार्थ के लिए अपने पिता चौधरी भजनलाल की राजनीति को भी नुकसान पहुंचाया है। भजनलाल का राजनीति में अलग ही सम्मान था, लेकिन कुलदीप में वह काबिलियत नहीं है।
दीपेंद्र ने कहा कि कुलदीप ने आदमपुर में बार-बार उपचुनाव करवाएं, लेकिन विकास कभी नजर नहीं आया। उन्होंने बिश्नोई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आदमपुर की जनता ने आपको कई बार मौके दिए, लेकिन आपने हलके की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।
37 सीटों पर है दबदबा, तभी भाजपा ने सौंपी जिम्मेदारी
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राजस्थान में नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां 7 लोकसभा की करीब 37 सीटों पर बिश्नोई समाज का दबदबा है। ऐसे में भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान चुनावों का सहचुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। भाजपा कुलदीप बिश्नोई को मोहरा बनाकर इन सीटों पर अपना पचरम लहराना चाहती है।
प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाने पर भाजपा में विलय कर गए थे बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी मिलने का इंतजार था, लेकिन सीट नहीं मिलने पर वह भाजपा में विलय कर गए थे। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर से इस्तीफा देकर अपने बेटे भव्य बिश्नोई ने चुनाव लड़वाया। आदमपुर में हुए उपचुनाव में भव्य बिश्नोई ने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश शिकस्त दी थी।