केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना और हरियाणा सरकार की चिरायु योजना से गरीब व्यक्ति अपना इलाज आसानी से कर रहा है। इससे न सिर्फ मनोहर सरकार की तारीफ हो रही है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि इस योजना की गरीब व्यक्ति बड़ी ही सराहना कर रहा है। लेकिन यह योजना हरियाणा के प्राइवेट अस्पतालों के लिए गले की फांस बन गई है। इस योजना का मरीज को जितना फायदा हो रहा है उससे कहीं ज्यादा नुकसान आज के दौर में प्राइवेट अस्पताल के मालिक उठा रहे हैं। यह बात आईएमए यमुनानगर एसोसिएशन ने कही है।
प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर जेके गुलाटी ने कहा की सरकार वक्त रहते पेमेंट नहीं कर रही है। पेमेंट को 3 महीने से 6 महीने तक देरी से किया जा रहा है जबकि इसे 15 से 30 दिन के भीतर किया जाना चाहिए। इसको लेकर कई बार चंडीगढ़ में हरियाणा आईएमए का प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों से बातचीत कर चुका है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। डॉक्टर गुलाटी ने आगे बताया कि हमारे बिल में 15 से 90 फीसदी डिडक्शन कर रही है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पताल इसे ज्यादा दिन तक सहन नहीं कर सकता। इस पर दोबारा से विचार किया जाएगा और हरियाणा आईएमए एसोसिएशन दोबारा अधिकारियों से मुलाकात करेगा और उसके बाद कोई ठोस कदम उठाएगा। यमुनानगर आईएमए एसोसिएशन ने मांग की है कि जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे टेस्ट जो सरकारी अस्पताल में हो रहे हैं उनको भी आयुष्मान में जोड़कर प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया जाए। लेकिन सरकार की तरफ से तर्क दिया गया है कि हमारे पास लिमिटेड बजट है। लेकिन हरियाणा आईएमए एसोसिएशन मांग कर रहा है कि जो बिल सरकार के पास जाते हैं उन्हें जल्द से जल्द रिलीज कर दिया जाए ताकि हमें किस तरह का नुकसान ना हो।