हरियाणा में अब निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी। दहेज उत्पीड़न जैसे मामले में गुनहगारों के साथ फंसने वाले बेकसूर लोगों के लिए यह राहत भरी खबर होगी। हरियाणा में पुलिस महानिदेशक राज्य में महिला उत्पीड़न अपराधों को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में यह बात सामने आयी कि कई मामलों में दहेज प्रताड़ना की शिकायत में कई निर्दोष लोगों को फंसा दिया जाता है।लेकिन अब इस 498ए मामले की पहले पुष्टि होने के बाद ही मुकदमा दर्ज होगा। निर्दोष लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इसे पुलिस अधिकारियों को दिए निर्देश के रूप में जाना जाता है। उन्होंने महिला अपराध के बारे में बताया कि प्रदेश में 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 12% तक की कमी हुई है।
इसी तरह डकैती से संबंधित मामलों में 2022 की तुलना में 2023 में 30% की गिरावट, छीना झपटी के मामलों में 18.33% की कमी, और गंभीर चोट के मामलों में 8% की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि हमें उन सभी क्षेत्रों में काम करना है, जहां महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा है कि वे अपने जिलों में महिलाओं की टीमें बनाएं, जो हॉटस्पॉट क्षेत्रों में जाकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले आवारा लड़कों को सजग करें। दहेज के झूठे मामलों के बाद अब निर्णय हुआ है कि हरियाणा पुलिस 498ए (दहेज) के मुकदमों में नए निर्देश लागू करेगी।
असली आरोपी के खिलाफ ही होगा मुकदमा दर्ज
अब महिला की शिकायत दर्ज करवाने के बाद सभी तथ्यों की जांच करते हुए केवल असली आरोपी के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जांच के दौरान निर्दोष लोगों के नाम निकालते हुए उन पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। इस से निर्दोष लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। समाधान के बाद भी लेते रहें फीडबैक डीजीपी कपूर ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि इस मामले में सभी सुनियोजित तरीके से कार्य करें। महिला विरुद्ध अपराध संबंधी मामलों को लेकर पीड़ित महिला की शिकायत दर्ज अथवा समाधान होने के बाद भी महिलाओं से उनका हाल-चाल पूछते हुए फीडबैक लेते रहें। इस दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उनमें सुरक्षा की भावना को बल मिल सके।
आपराधिक घटनाओं को रोकने लिए टीम का गठन
डीजीपी ने अधिकारियों को उन सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया जहां महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने पुलिस कर्मियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में महिलाओं की टीमें बनाकर हॉटस्पॉट इलाकों में जाएं और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को सबक सिखाएं। बैठक में बताया गया कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्रत्येक जिले में गठित टीम को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। गुरुग्राम से शुरुआत करते हुए महिला पुलिसकर्मी स्कूलों में जाएंगी और महिलाओं और लड़कियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करेंगी।
नशे के खिलाफ होगी विशेष कार्यवाही
पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि प्रदेश में नशा तस्करी करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और उन पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मी नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाते हुए उनकी अवैध संपत्तियों को निशाना बनाएं। साथ ही, जो लोग नशे की लत में पड़ गए हैं, उनकी नशा मुक्ति के लिए सहायता करें। इसके लिए वे ग्राम प्रहरी की ड्यूटी लगाएं। उन्होंने कहा है कि अच्छा काम करने वाले ग्राम प्रहरी को सम्मानित करें ताकि बाकी लोग भी अच्छा काम करने के लिए प्रेरित हों।
लेन ड्राइविंग पर सख्त हुई हरियाणा पुलिस
इसके लिए उन्हें अलग-अलग बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे स्कूलों, कॉलेजों और अन्य हॉटस्पॉट क्षेत्रों में जा सकें और महिला सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी ढंग से काम कर सकें। पुलिस महानिदेशक ने पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्राधिकार से गुजरने वाले एनएच-152डी, एनएच-44 और एनएच-9 पर लेन ड्राइविंग का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वे लेन ड्राइविंग पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए परिवहन संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें भी कर रहे हैं।

